उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत पात्र बच्चों के चिन्हांकन एवं प्राप्त आवेदन पत्रों का सत्यापन कर आख्या उपलब्ध कराने के संबंध में ।

उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत पात्र बच्चों के चिन्हांकन एवं प्राप्त आवेदन पत्रों का सत्यापन  कर आख्या उपलब्ध कराने के संबंध में।


उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के सुगम संचालन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश एवं आवेदन पत्र निर्गत किये गये हैं।

1. योजना से लाभान्वित किये जाने वाले बच्चों की श्रेणियां:-

  • 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो या जिनके माता व पिता दोनो की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा उनके वैघ संरक्षण (Legal Guardian) की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो ।
  • 0 से 18 की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चों को भी शामिल किया जायेगा जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो।
  • कोविड-19 से मृत्यु के साक्ष्य के लिए Antigen या RT-PCR की +ve Test Report, Blood या CT Scan में covid-19 का Infection होना माना जा सकता है। कोविड-19 का Patient कतिपय परिस्थितियों में test में negative आने के बाद भी Post Covid Complication से उसकी मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी Post-Covid-19 की वजह से ही मानी जाती है।

2. योजना की पात्रता हेतु अन्य शर्ते :-

  • लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो ।
  • एक परिवार के सभी (जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिये गये) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा। 
  • 01 मार्च, 2020 को या इसके बाद उपरोक्त 02 श्रेणियों में आने वाले बच्चों को ही योजना का लाभ दिया जा सकेगा।

3. योजना के अन्तर्गत देय लाभ की श्रेणियां:-

  • उपरोक्त श्रेणियों के 0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रुपये 4000/- (रुपये चार हजार) प्रतिमाह की धनराशि देय होगी, बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गये हों एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अन्तर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गये हों, उनका कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा ।

  • 11 से 18 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों की कक्षा 12 तक की निःशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा तथा विद्यालयों की 03 महीने की अवकाश अवधि हेतु बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह रुपये 4000/- की दर से कुल रुपये 12000/- की धनराशि प्रतिवर्ष वैध संरक्षक जिसकी अभिरक्षा में बच्चा हो, के बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी तथा उक्त धनराशि कक्षा-12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले हो ही देय होगी।
अथवा
  • यदि बच्चों के संरक्षक उपरोक्त आवासीय विद्यालयों में किसी कारण से प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों, तो बच्चों की देखरेख व शिक्षा हेतु उनको 18 वर्ष की आयु होने अथवा कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक रुपये 4000/- की धनराशि दी जायेगी, वह बच्चे को औपचारिक शिक्षा हेतु अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।
  • प्रदेश सरकार ऐसी सभी बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1,01,000/- (रुपये एक लाख एक हजार) की धनराशि उपलब्ध करायेगी।
  • उपरोक्त श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को Tablet/ Laptop की सुविधा एक बार अनुमन्य / उपलब्ध करायेगी।
  • उपरोक्त के अतिरिक्त ऐसे बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनो की मृत्यु हो गयी हो उनके बालिग होने तक उनकी चल-अचल सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु जिला मजिस्ट्रेट संरक्षक होंगे तथा सम्पत्ति से संबंधित कानूनी विवादों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक सहायता उपलब्ध करायेंगे ।
  • वैध संरक्षक का चिन्हांकन जनपद स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा किया जायेगा तथा जनपद स्तरीय टास्क फोर्स ऐसे प्रकरणों का सत् अनुभवण भी करेगी।
  • जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा उपरोक्त बच्चों की शिक्षा, पोषण, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य आदि के संबंध में निरन्तर फॉलोअप किया जायेगा तथा अपनी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रत्येक तिमाही पर जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी ।
  • जिला प्रोबेशन अधिकारी को जनपद की मांग के अनुसार बजट आवंटन किया जायेगा ।

4. योजना का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया तथा जांच:-

  • उपरोक्त श्रेणियों के ऐसे समस्त चिन्हित बच्चों या उनके अभिभावकों से जिला बाल संरक्षण इकाई तथा बाल कल्याण समिति सीधे सम्पर्क कर उनके आवेदन पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को 15 दिन के अन्दर पूर्ण करायेंगे। जनपद स्तरीय टास्क फोर्स इस हेतु बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई का सतत् पर्यवेक्षण करेगी तथा यह सुनिश्चित करायेगी कि ऐसे समस्त आवेदन पत्र ससमय प्राप्त कर लिये गये हैं ।
  • ऐसे समस्त बच्चे (10 वर्ष से अधिक आयु के ) स्वयं / उनके करने हेतु ऑफलाईन आवेदन कर सकेंगे आवेदन-पत्र के प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा।
  • आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्रों में अपने ग्राम विकास अधिकारी / ग्राम पंचायत अधिकारी के पास या विकास खण्ड या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में तथा शहरी क्षेत्रों में अपने क्षेत्र के लेखपाल के पास या तहसील या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा कराया जा सकता है।
  • निर्धारित प्रारूप पर भरे, स्वयं सत्यापित व सभी संलग्नकों के साथ प्राप्त आवेदन ही मान्य होंगे।
  • माता या पिता की मृत्यु से 2 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा तथा किसी भी बच्चे को अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा।
  • उपरोक्त आवेदन पत्रों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्रों में खण्ड विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा एवं अपनी संस्तुति के साथ आवेदन पत्र जिला प्रोवेशन कार्यालय में क्याशीघ्र प्रेषित किया जायेगा।
  • जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा उपरोक्त समस्त सत्यापित आवेदन पत्रों को शासनादेश संख्या-720/60-1-2021 दिनांक 12 मई, 2021 द्वारा गठित जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्तुत करते हुये बच्चे की श्रेणी के अनुसार निर्धारित लाभ दिये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करायी जायेगी ।
  • जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की गतिविधियों, योजना से संबंधित समस्याओं, शिसयतों आदि के निराकरण के संबंध में रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष योजनान्तर्गत गठित राज्य अनुश्रवण समिति द्वारा अनुश्रवण किया जायेगा।

5. योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों का सत्यापन:-

योजना का लाभ प्राप्त कर रहे लाभाथियों का प्रति वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में विकास खण्ड तथा शहरी क्षेत्रों में तहसील के माध्यम से सत्यापन कराया जायेगा तथा अपात्र ( अपात्र होने के कारण सहित ) या मृतक पाये गये लाभार्थियों की सत्यापित सूची जिला प्रोबेशन अधिकारी को उपलब्ध करायी जायेगी। 


6. योजना के अन्तर्गत लाभार्थी के अपात्र होने के कारण:- 

I. लाभार्थी की मृत्यु हो गयी हो । 

॥. लाभार्थी की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो गयी हो।

III. IV. V. परिवार की आय 2 लाख रूपये वार्षिक से अधिक हो गयी हो ( मात्र द्वितीय श्रेणी के लाभार्थियों के मामलों में) । 

IV. लाभार्थी बच्चे को दत्तक ग्रहण में सौंप दिया गया हो। 

V. लाभार्थी बच्चे को किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त किसी बाल गृह में आवासित कराया गया हो अथवा किसी अपराध में सम्प्रेक्षण गृह में निरुद्ध कराया गया हो। 

VI. विवाह की कानूनी उम्र के उपरांत विवाह होने पर ।

7. योजना के अन्तर्गत आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख:-

  • पूर्ण आवेदन पत्र बच्चे व वर्तमान अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित ।
  • माता / पिता / दोनो जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाण पत्र ।
  • बच्चे का आयु प्रमाण पत्र। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 94 में उल्लिखित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त परिवार रजिस्टर की नकल अथवा किसी सरकारी दस्तावेज की प्रति जिसमें आयु का उल्लेख हो ।
  • संबंधित श्रेणी के शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र ।
  • उ0प्र0 के निवासी होने का घोषणा-पत्र।
  • आय प्रमाण पत्र (माता व पिता दोनों की मृत्यु होने की स्थिति में आवश्यक नहीं है)।

8. लाभार्थियों के बैंक खातों में उपरोक्त धनराशि प्रति वर्ष 02 छमाही किश्तों में प्रेषित की जायेगी।

9. जनपद स्तरीय टास्क फोर्स की प्रत्येक पन्द्रह दिन मे कम से कम एक बैठक आहूत की जायेगी, जिसमें योजना का लाभ प्राप्त किये जाने हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण / संस्तुति की जायेगी तथा संस्तुति प्राप्त होने के अगले माह की एक तारीख से अनुदान / सहायता की धनराशि देय होगी।

10. उक्त श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को Tablet / Laptop का क्रय जनपद स्तर पर जैम पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। इस संबंध में Tablet / Laptop का स्पेशीफिकेशन किसी तकनीकी संस्थान से प्राप्त करते हुए निदेशक, महिला कल्याण द्वारा उपलब्ध कराये जायेगी।

11. उक्त श्रेणी की बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1,01,000/- (रुपये एक लाख एक हजार ) की धनराशि अवमुक्त किये जाने के संबंध में आवेदन पत्र का प्रारूप व दिशा-निर्देश विभाग द्वारा पृथक से निर्गत किये जायेंगे ।


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