सरकारी इंटरनेट और प्रशिक्षण की उपलब्धता के बिना गुरूजी कैसे लगाएंगे फेस अटेंडेंस? अभी तक विभाग की ओर से नही आया है कोई दिशा-निर्देश।

सरकारी इंटरनेट और प्रशिक्षण की उपलब्धता के बिना गुरूजी कैसे लगाएंगे फेस अटेंडेंस? अभी तक विभाग की ओर से नही आया है कोई दिशा-निर्देश।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पठन-पाठन एवं अन्य क्रियाकलापों को बेहतर तरीके से संचालित करने व शिक्षकों तथा छात्र- छात्राओं की रियल टाइम फेस अटेंडेंस लेने के लिए शासन द्वारा प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में टैबलेट का वितरण किया जा रहा है। जहाँ कई जनपदों मे टैबलेट का वितरण पूर्ण हो चुका है, वहीं अभी तक कई जिलों मे टेबलेट का वितरण विद्यालयों मे नहीं हो पाया है। जबकि शासन की मंशा है कि 1 नवंबर से विद्यालय की समस्त गतिविधियों की संचालन एवं निगरानी टैबलेट के माध्यम से हो।

आज के तकनीकी दौर मे परिषदीय विद्यालयों मे ऐसे भी शिक्षक हैं जिनको टैबलेट का तकनीकी संचालन करने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विभाग की तरफ से बहुत जल्द ही ऑनलाइन/ऑफलाइन प्रशिक्षण देने की कवायद शुरु हो चुकी है। इसी क्रम मे 26 अक्टूबर को सुबह समय 11 बजे से यूट्यूब सेशन के माध्यम से टैबलेट संचालन एवं अन्य विषयों पर दिशा निर्देश शिक्षकों को दिया जायेगा।

लेकिन इन सब बातों के इतर शिक्षकों का कहना है कि विद्यालयों को अभी तक वाईफाई नेटवर्क से नही जोड़ा गया हैं। इस स्थिति मे आखिर टैबलेट का संचालन कैसे हो पायेगा। शिक्षकों ने विद्यालयों को अनिवार्य रूप से वाईफाई नेटवर्क से जोड़ने के बाद ही टैबलेट से काम लिए जाने की बात कही है।

उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों के ने कहा है कि प्रदेश सरकार शिक्षकों व छात्रों की टैबलेट से फेस अटेंडेंस लेने से पहले जिले के अंदर और एक से दूसरे जिले में शिक्षकों के पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया पूरी करे, शिक्षकों की पदोन्नति की जाय, शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाए व शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के बाद ही नए शैक्षिक सत्र एक अप्रैल 2024 से इस व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए।

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