मध्याहन भोजन (मिड डे मील) का सोशल ऑडिट गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूंसी के विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा।

मध्याहन भोजन (मिड डे मील) का सोशल ऑडिट गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूंसी के विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा।


प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में मिड डे मील (मिड डे मील) का सोशल ऑडिट गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूंसी के विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। छात्रों पर योजना के प्रभाव का अध्ययन करने के साथ-साथ, उन्होंने स्कूल के शिक्षकों, छात्रों, रसोइयों, स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्यों, माता-पिता/अभिभावकों, ग्राम प्रधानों, उचित मूल्य दुकान मालिकों आदि सहित सभी हितधारकों से भी संपर्क किया। जानकारी और सुझाव दिए जाएंगे विषय पर लिया गया।

पंत इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ प्रयागराज और अमेठी समेत प्रदेश के 10 जिलों के 210 स्कूलों में मिड-डे मील का ऑडिट करेंगे। प्रयागराज और अमेठी के 25-25 स्कूलों के अलावा वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर के दो-दो विकास खंडों के 20 स्कूलों में सोशल ऑडिट कराया जाएगा। इस संबंध में महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरन आनंद, पंत संस्थान के निदेशक प्रो. बद्री नारायण को 4 अक्टूबर को पत्र भेजा था. प्रदेश के 1.70 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों और सहायता प्राप्त संस्थानों व मदरसों में एमडीएम योजना संचालित है। इस योजना से कक्षा एक से आठ तक के लगभग 2.25 करोड़ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

औसत और न्यूनतम प्रदर्शन करने वाले स्कूलों का चयन करेंगे

उन स्कूलों का सोशल ऑडिट कराया जाएगा जिनका रिकॉर्ड औसत से कम प्रदर्शन का है। साथ ही पहले कभी भी सोशल ऑडिट की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए हैं. प्रत्येक विकास खण्ड में कम से कम एक सहायता प्राप्त माध्यमिक अथवा संस्कृत विद्यालय अथवा मदरसा का चयन किया जायेगा। स्कूलों का चयन संबंधित डीएम की संस्तुति पर जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

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