प्रदेश सरकार ने एक बार फिर कहा, पुरानी पेंशन योजना लागू करना संभव नहीं।

प्रदेश सरकार ने एक बार फिर कहा, पुरानी पेंशन योजना लागू करना संभव नहीं।

राज्य सरकार ने बुधवार को विधान परिषद में एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करना संभव नहीं है। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल, 2005 को नई पेंशन योजना लागू की है, जो सभी सरकारी संस्थानों में लागू है।

दरअसल, शिक्षक समूह के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कार्य स्थगन के तहत पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा कि देशभर के शिक्षक और कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं। प्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना से वंचित शिक्षक व कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग के समर्थन में लगातार धरना-प्रदर्शन व अन्य आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार असंवेदनशील व उदासीन बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि अब यह चुनावी मुद्दा भी बनता जा रहा है। कई राज्यों में पार्टियां अपने घोषणापत्र में पुरानी पेंशन की घोषणा कर रही हैं। इस मुद्दे पर कई राज्यों में सरकारें बनते बिगड़ते दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि 2022 में यूपी में भी बीजेपी नेताओं को इसी वजह से कई सीटें गंवानी पड़ीं थी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ-साथ उनकी भी मांग है कि पुरानी पेंशन लागू की जाये। इस बात के जवाब में जवाब में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2004 में नई पेंशन लागू की थी। इसे उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2005 को लागू किया था। 

Next Post Previous Post