उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने समस्यायों के समाधान न होने तक आन लाइन उपस्थिति का बहिष्कार करने का लिया निर्णय

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने  समस्यायों के समाधान न होने तक आन लाइन उपस्थिति का बहिष्कार करने का लिया निर्णय 

अपने पंजीकृत मोबाइल नम्बर से प्रेरणा ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने के दिए गए निर्देश किसी भी प्रकार से उचित एवं व्यवहारिक नहीं है।

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ, उoप्रo ने शासन को अवगत कराते हुए, महानिदेशक महोदय स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा 10 नवम्बर 2023 को जारी आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि बेसिक शिक्षकों को अपने पंजीकृत मोबाइल नम्बर से प्रेरणा ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने के दिए गए निर्देश किसी भी प्रकार से उचित एवं व्यवहारिक नहीं है।

संघ ने शासन को अवगत कराते हुए कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षकों को भयभीत किया जा रहा है। तथा जबरदस्ती नियमों के विरुद्ध जाकर शिक्षकों से उनकी निजी पहचान पत्र से सरकारी सिम खरीदने का दबाव डाला जा रहा है तथा कोई भी संसाधन न उपलब्ध कराकर शिक्षकों को निजी सिम एवं आईडी, निजी मोबाइल निजी डाटा से उपस्थिति देने के लिए दंडित किया जा रहा है। उपरोक्त असंवैधानिक आदेश का जब शिक्षक विरोध कर रहा है। तो समाज और सरकार की नज़रों में विभाग द्वारा नकारात्मक छवि प्रस्तुत कर उसे अपमानित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। विभाग द्वारा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों की फोटो ऐप पर प्रदर्शित करने हेतु दबाव डाल कर बाल अधिकार अधिनियम का उलंघन भी शिक्षकों से ही कराने का भी प्रयास कराया जा रहा है। साथ विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिका बहनों से भी अपनी फ़ोटो सहित उपस्थिति का जबरन प्रयास किया जा रहा है। इस साइबर क्राइम युग मे महिला शिक्षकों की फ़ोटो दुरुपयोग की पूर्ण सम्भावना है। ऐसी स्थिति में कोई भी अप्रिय घटना के घटने की पूर्ण सम्भावना है। इसकी जिम्मेदारी भी विभाग लेने को तैयार नहीं है। इस प्रकार के नियम एवं नियमसवली के विरुद्ध जाकर विभाग शिक्षकों को प्रताड़ित एवं अपमानित करने के आदेश कर रहा है। 

ज्ञातव्य हो कि प्रेरणा ऐप के सम्बंध में 03 सितंबर 2019 को आप द्वारा तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री माननीय डॉक्टर सतीश द्विवेदी जी की अध्यक्षता में संगठन के साथ बैठक की गई थी। उक्त बैठक में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रमाणिक तथ्यों के आधार पर उक्त ऐप की कमियों को उजागर करते हुए विरोध किया गया था। तथा प्रेरणा ऐप को निजी मोबाइल में डाउन लोड करने से स्प्ष्ट इनकार किया गया था। उक्त बैठक में ही तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री जी ने महानिदेशक सहित विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष घोषणा कर संगठन को भरोसा दिया था कि प्रेरणा ऐप से बेसिक शिक्षकों की उपस्थिति नहीं ली जाएगी। जो अगले दिन समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुआ। इस भरोसे के आधार पर विभागीय सहयोग हेतु शिक्षकों ने अपने मोबाइल में प्रेरणा ऐप को डाउन लोड कर लिया था। संगठन ने इसके विरोध में 29 सितंबर 2019 को पूरे प्रदेश में आंदोलन भी किया। 4 वर्ष बाद अपने निर्णय से मुकर कर पुनः आदेश जारी किया गया। इस कारण प्रदेश का बेसिक शिक्षक आक्रोशित एवं आंदोलित है।

मांगे न पूरी किये जाने तक संघ आन लाइन उपस्थिति का बहिष्कार करता रहेगा।

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश, ने शासन से समस्याओं के निस्तारण की मांग की है।

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश ने कहा कि प्रदेश का बेसिक शिक्षक विभाग के हर एक नियम विरुद्ध प्रताड़ना सम्बन्धी आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है। प्रदेश का बेसिक शिक्षक तब तक उक्त प्रक्रिया का पालन करने को सहमत नहीं हैं जब तक उपरोक्त सभी मांगों को विभाग पूरा नहीं करता है तथा विभागीय सिम, मोबाइल डेटा आदि भी उपलब्ध कराया जाए। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग के ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तर तक सभी कर्मचारी अधिकारी भी अपनी आन लाइन उपस्थिति दें। केवल बेसिक शिक्षकों पर ही अविश्वास करके उक्त प्रक्रिया में न शामिल किया जाए। आन लाइन उपस्थिति प्रक्रिया में सभी विभागों को भी शामिल किया जाए।

प्रेरणा ऐप में तमाम कमियों के चलते प्रेरणा ऐप के विरुद्ध उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2019 में एक रिट माननीय उच्च न्यायालय खण्ड पीठ लखनऊ में कर रखी है जो कि विचाराधीन है। उसके निर्णय होने तक तथा सभी समस्याओं के समाधान होने तक 10 नवम्बर 2023 के विभागीय आदेश पर रोक लगाने के निर्देश महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश को देने का अनुरोध संघ ने किया है। संघ ने समस्यायों के समाधान न होने तक आन लाइन उपस्थिति का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।







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