अब महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 1 नवंबर, 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) की दी मंजूरी।

अब महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 1 नवंबर, 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) की दी मंजूरी।

अब महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 1 नवंबर, 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) की दी मंजूरी।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 1 नवंबर, 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ उठाने के विकल्प को मंजूरी दे दी। महाराष्ट्र में विपक्षी दल इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे थे। सरकार के इस फैसले से विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा निकल गया है।

महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी परिसंघ के महासचिव विश्वास काटकर के अनुसार, कैबिनेट के फैसले से उन 26,000 राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा, जिनका चयन नवंबर 2005 से पहले हुआ था, लेकिन बाद में उन्हें ज्वाइनिंग लेटर मिला। नवंबर 2005 से पहले सेवा में शामिल हुए लगभग 9. 5 लाख राज्य कर्मचारियों को पहले से ही ओपीएस का लाभ मिल रहा है।

  • 1 नवंबर 2005 के बाद सेवा में आने वाले कर्मचारियों को OPS का लाभ मिलेगा।
  • सरकार के इस फैसले से विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा निकल गया है।

ओपीएस के तहत, एक सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन मिलती है। इसमें कर्मचारी अंशदान की जरूरत नहीं पड़ती है। वर्ष 2005 में राज्य में ओपीएस बंद कर दिया गया था। राज्य कैबिनेट ने इन 26,000 कर्मचारियों को छह महीने के भीतर ओपीएस और नई पेंशन योजना के बीच चयन करने और अगले दो महीनों में संबंधित दस्तावेज अपने विभागों में जमा करने के लिए कहा है। सरकार के मुताबिक इन कर्मचारियों के लिए यह एक बार का विकल्प है। नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत राज्य सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करता है और राज्य भी उतना ही योगदान देता है।

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