अगले माह से बदल जाएंगे NPS निकासी के नियम, सरकार ने एनपीएस को लेकर बदला नियम, जाने पूरी डिटेल

अगले माह से बदल जाएंगे NPS निकासी के नियम, सरकार ने एनपीएस को लेकर बदला नियम, जाने पूरी डिटेल



नए नियम के तहत रिटायरमेंट के बाद एनपीएस से कुल मैच्योरिटी रकम का 60 फीसदी एकमुश्त निकालने की अनुमति, जो टैक्स फ्री होगी।

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत निकासी के लिए नए नियम पेश किए हैं, जो 1 फरवरी, 2024 से लागू होंगे। पीएफआरडीए के मुताबिक, एनपीएस के नए नियमों के तहत अब कोई भी एनपीएस खाते से 25 फीसदी से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकता है। इस रकम में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का पैसा शामिल होगा।

एनपीएस ग्राहक निवेश अवधि के दौरान केवल तीन बार आंशिक निकासी कर सकते हैं। आंशिक निकासी करने पर ग्राहकों को कम से कम तीन साल तक इसमें निवेशित रहना चाहिए।

इसका मतलब है कि 25 फीसदी रकम तीन साल के बाद कभी भी निकाली जा सकती है। यह राशि बच्चों की शिक्षा खर्च, शादी, घर निर्माण, या चिकित्सा आपात स्थिति जैसे उद्देश्यों के लिए निकाली जा सकती है।


राशि आंशिक रूप से कब निकाली जा सकती है?

  • अगर ग्राहक बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए खर्च करना चाहता है तो रकम निकाली जा सकती है।
  • यह रकम बच्चों की शादी के लिए भी निकाली जा सकती है।
  • आप घर खरीदने, गृह ऋण चुकाने और अन्य कार्यों के लिए भी धनराशि निकाल सकते हैं।
  • गंभीर बीमारी, इलाज और अन्य मेडिकल खर्चों के लिए भी यह रकम निकाली जा सकती है।
  • किसी आपात स्थिति में भी 25 फीसदी तक रकम निकाली जा सकती है।
  • इस राशि का उपयोग किसी भी प्रकार का व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करने के लिए भी किया जा सकता है।


आंशिक निकासी के संबंध में अन्य शर्तें

    • ग्राहक को खाता खोलने से तीन साल तक सदस्य रहना होगा।
    • इस खाते से आंशिक रूप से 25 फीसदी से ज्यादा रकम नहीं निकाली जा सकती।
    • एनपीएस खाताधारकों को खाते से अधिकतम तीन बार ही आंशिक निकासी की अनुमति है।


मैं पैसे कैसे निकाल सकता हूँ?

यदि एनपीएस के तहत 25 प्रतिशत या उससे कम राशि निकालनी है तो सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (सीआरए) के प्रतिनिधि सरकारी नोडल अधिकारी के माध्यम से निकासी का अनुरोध कर सकते हैं। इसमें निकासी का कारण और अन्य विवरण देना होगा। यदि ग्राहक बीमार है, तो उसके स्थान पर परिवार का कोई सदस्य या नामांकित व्यक्ति यह अनुरोध कर सकता है।


गौरतलब है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के मुताबिक, 60 साल की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद एनपीएस से कुल मैच्योरिटी रकम का 60 फीसदी एकमुश्त निकालने की अनुमति है, जो टैक्स-फ्री है। परिपक्वता राशि का शेष 40 प्रतिशत वार्षिकी योजना में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है। एन्युटी में निवेश की गई राशि कर-मुक्त होती है, लेकिन एन्युटी के तहत रिटर्न के रूप में प्राप्त पेंशन राशि पर कोई कर छूट नहीं होती है।


इसका मतलब यह है कि रिटर्न के रूप में प्राप्त पेंशन निवेशक की वार्षिक आय में जोड़ दी जाती है और करदाता को टैक्स स्लैब के अनुसार कर का भुगतान करना होता है। वहीं, अगर रिटायरमेंट के बाद कुल रकम 5 लाख रुपये के बराबर या उससे कम है तो एनपीएस सब्सक्राइबर्स पूरी रकम निकाल सकते हैं।



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