Promotion Vs TET : माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर दिए गए सभी मुख्य निर्णय एवं बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा की गई कार्यवाही/आदेश देखें।

Promotion Vs TET : माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर दिए गए सभी मुख्य निर्णय एवं बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा की गई कार्यवाही/आदेश देखें।

आज "सर जी की पाठशाला ● इन" में प्रमोशन में टीईटी की अनिवार्यता पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर दिए गए सभी मुख्य निर्णय एवं बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा की गई कार्यवाही और जारी आदेशों के बारे में विस्तार से बताएंगे। इस पोस्ट को पढ़ें और पदोन्नति की राह में पड़ रही अड़चनों के समाधान हेतु आप सब अपने विचार लिखित रूप में "सर जी की पाठशाला ● इन" में जरूर पहुंचाएं। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकगण आप सभी अपने कीमती परामर्श अथवा सुझाव [sirjikipathshala.net@gmail.com] पर अवश्य प्रेषित करें।

आइए अब देखते हैं पदोन्नति में टेट को लेकर अभी तक माननीय हाईकोर्ट से लेकर बेसिक शिक्षा परिषद में क्या हुआ?

पदोन्नति में टेट मामले का पहला केस

■ पहली बार पदोन्नति में टीईटी अनिवार्य करने के उद्देश्य से दीपक शर्मा एवं अन्य द्वारा दायर रिट संख्या 11287/2018 पर माननीय न्यायालय ने 15 मई 2018 को पदोन्नति में NCTE नियमों के अनुपालन के संबंध में आदेश पारित करते हुए, प्रमोशन में भी टीईटी को अनिवार्य बताया।


On Writ No. 11287/2018 filed by Deepak Sharma and others, the Honorable Court, while passing the order regarding compliance of NCTE rules in promotion on 15 May 2018, declared TET mandatory in promotion also.


👉NCTE नियमावली के नियम 4B के अनुपालन में प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति हेतु टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किये जाने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 15/05/2018 के आदेश को देखने के लिए यहां क्लिक करें।


■ जिस NCTE नियमावली की मा0 न्यायालय द्वारा अपने आदेश में चर्चा की गई  है वह 12 नवंबर 2014 को जारी की गई।

👉 NCTE नियमावली एवं नियम 4B देखने हेतु यहां क्लिक करें।

माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का असर

■ दीपक शर्मा एवं अन्य के मामले में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 15/05/2018 के अनुपालन में बेसिक शिक्षा परिषद सचिव महोदय द्वारा प्रदेश में चल रही पदोन्नति कार्यवाही दिनांक 17/05/2018 को आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गयी।


👉 पदोन्नति कार्यवाही स्थगित करने के संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का आदेश दिनांक 17/05/2018 देखने के लिए यहां क्लिक करें

बिना टेट पदोन्नति मामले का केस

■ परिषद द्वारा पदोन्नति कार्यवाही स्थगित किये जाने के लगभग 2 माह बाद सूबेदार यादव एवं अन्य द्वारा बिना TET पदोन्नति हेतु याचिका 16523/2018 दायर की गयी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा दीपक शर्मा एवं अन्य के मामले में दिए गए आदेश दिनांक 15/05/2018 को सही माना गया और पदोन्नति में TET को अनिवार्य मानते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया गया।


पदोन्नति में TET को अनिवार्य मानते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने सूबेदार यादव व अन्य की याचिका को खारिज कर दिया।


👉 बिना TET पदोन्नति के संबंध में सूबेदार यादव एवं अन्य की याचिका खारिज करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 01/08/2018 को देखने के लिए यहां क्लिक करें।

डबल बेंच में अपील

◾जब सूबेदार यादव एवं अन्य की याचिका 16523/2018 माननीय न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गयी, तब उनके द्वारा डबल बेंच में विशेष अपील 737/2018 दायर की गयी। इस अपील पर सुनवाई करते हुए डबल बेंच ने भी अपने आदेश दिनांक 04/09/2018 द्वारा पदोन्नति में TET की अनिवार्यता पर मुहर लगाते हुए विशेष अपील खारिज कर दी।


डबल बेंच ने भी अपने आदेश 04/09/2018 द्वारा पदोन्नति में TET की अनिवार्यता पर मुहर लगाते हुए विशेष अपील खारिज कर दी।


👉 विशेष अपील खारिज करने एवं गुणवत्ता हेतु पदोन्नति में TET अनिवार्य करने के संबंध में डबल बेंच का आदेश दिनांक 04/09/2018 देखने के लिए यहां क्लिक करें।

प्रमोशन में TET की अनिवार्यता मामले में नया मोड़

◾प्रमोशन में TET की अनिवार्यता मामले में नया मोड़ तब आया जब भीष्मपाल सिंह एवं अन्य की अपील 645/2018 पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 18/09/2018 द्वारा दीपक शर्मा केस के सिंगल जज के आदेश 15/05/2018 को निरस्त करते हुए इस मामले पर दुबारा सुनवाई करने का आदेश दिया।


सिंगल जज के आदेश 15/05/2018 को निरस्त करते हुए इस मामले पर दुबारा सुनवाई करने का आदेश दिया।


👉 माननीय उच्च न्यायालय ने प्रमोशन में टीईटी की अनिवार्यता संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश को निष्प्रभावी करते हुए पुनः सुनवाई का आदेश दिनांक 18/09/2018 को देखने के लिए यहां क्लिक करें।

पहले से कार्यरत शिक्षकों पर प्रमोशन में TET की अनिवार्यता न थोपने का आदेश

◾भीष्मपाल सिंह मामले में दीपक शर्मा मामले की दोबारा सुनवाई के कोर्ट के फैसले के कुछ समय बाद शिक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी की पदोन्नति के मामले में माननीय न्यायालय द्वारा इस बिंदु पर एक और आदेश दिया गया, जिसमें 2010 से पहले से कार्यरत शिक्षकों पर प्रमोशन में TET की अनिवार्यता नहीं थोपने का आदेश जारी किया गया।


23 अगस्त 2010 के पहले से कार्यरत शिक्षकों पर प्रमोशन में TET की अनिवार्यता नहीं थोपने का आदेश जारी।


👉 23 अगस्त 2010 के पहले से कार्यरत शिक्षकों पर पदोन्नति हेतु TET लागू न होने संबंधी माo उच्च न्यायालय का दिनांक 22.02.2019 का आदेश देखने हेतु यहां क्लिक करें।

पूरा मामला क्या है ? 🔥🔥

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने 10 वर्ष से अधिक समय तक शिक्षण कार्य करने का अनुभव प्राप्त कर लिया था  और उन्हें पदोन्नति  उपरांत उच्च प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त किया जाना था लेकिन उस समय के प्रतापगढ़ के  तत्कालीन बीएसए ने  ओम प्रकाश त्रिपाठी के प्रमोशन पर रोक लगा दी। बीएसए प्रतापगढ़ द्वारा ओम प्रकाश त्रिपाठी का प्रमोशन न करने का कारण उनके द्वारा TET की परीक्षा पास न करना बताया गया। जबकि एनसीटीई की नियमावली में यह स्पष्ट है कि प्राथमिक विद्यालय से उच्च प्राथमिक विद्यालय में पदोन्नत होकर नियुक्ति पाने का हकदार वही अध्यापक होगा जिसने TET पास किया हो और कम से कम पांच वर्ष का अध्यापन अनुभव हो।


इसी मामले में ओम प्रकाश ने बीएसए प्रतापगढ़ के द्वारा प्रमोशन रोके जाने के ऑर्डर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 2010 से पहले चयनित अध्यापकों के प्रमोशन में टीईटी पास करने की अनिवार्यता को खारिज कर दिया। साथ ही ओम प्रकाश को प्रमोशन दिये जाने के लिये बीएसए को निर्देशित किया।

TET मसले पर उच्च न्यायालय ने क्या कहा ?

इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को शिक्षक नियमावली से अवगत कराया गया और पूर्व में प्रमोशन की प्रक्रिया व वर्तमान नियम में बदलाव की जानकारी दी गयी। कोर्ट को बताया गया कि पूर्व में टीईटी जैसी कोई प्रक्रिया मौजूद ही नहीं थी, ऐसे में तत्कालीन अभ्यर्थी के टीईटी में बैठने और पास करने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पहले चयनितों को नियमत: प्रमोशन का लाभ मिलना चाहिये। हाईकोर्ट ने दलीलों और नियमावली के अवलोकन के बाद प्रतापगढ बीएसए के प्रमोशन नियुक्ति रोकने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि टीईटी की अनिवार्यता वर्ष 2010 में लागू हुई है। ऐसे में उससे पहले टीचर बनने वाले अभ्यर्थी को प्रमोशन नियुक्ति  न देना सही नहीं है। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि टीईटी की अनिवार्यता इसके लागू होने से पहले की समयावधि में चयनित शिक्षकों पर लागू नहीं की जा सकती है। ऐसे में बिना टीईटी पास किये 5 वर्ष के अध्यापन अनुभव के आधार पर 2010 से पहले चयनित टीचर को प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति दी जा सकती है। 


■ TET की अनिवार्यता न होने संबंधी माo उच्च न्यायालय से समाधान हो जाने के लगभग 4 वर्ष बीत जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने पदोन्नति को लेकर आदेश पर आदेश जारी किया जो बदस्तूर जारी है, लेकिन प्रमोशन अभी तक नही हो सका। 


"सर जी की पाठशाला ● इन" पर आप यह खबर पढ़ रहें हैं।

आखिर अब क्या होगा ! 🤔🤔

सरकार प्रमोशन करना चाहती है लेकिन कुछ लोगों की अति सकारात्मक सोच के कारण मामला लगातार कोर्ट में घसीटा जा रहा है और सरकार को ही सबक सिखाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। यही नहीं जिनका प्रमोशन पूर्व में हो चुका है, उन्हें भी देख लेने की बात कही जा रही है।


परेशान न हों, सरकार NCTE की गाइडलाइन के अनुसार ही प्रमोशन करेगी, क्योंकि नियुक्ति और पदोन्नति ,दोनो ही स्थिति में अध्यापक का टेट उत्तीर्ण होना आवश्यक है, लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार TET नोटिफिकेशन की तिथि के अनुसार।

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