RTE के तहत चार चरणों में सम्पन्न होगी प्रक्रिया, इस बार 20 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा आवेदन का पहला चरण।

RTE के तहत चार चरणों में सम्पन्न होगी प्रक्रिया, इस बार 20 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा आवेदन का पहला चरण।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ से प्राप्त दिशा निर्देशों के क्रम में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को कक्षा एक एवं पूर्व प्राथमिक कक्षा में ऑनलाइन एवं लॉटरी हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।

  • प्रथम चरण में 20 जनवरी से 18 जनवरी तक आवेदन लिये जायेंगे तथा 6 मार्च तक प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। 
  • दूसरे चरण में 1 मार्च से 30 मार्च तक आवेदन और 17 अप्रैल तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 
  • तीसरे चरण में 15 अप्रैल से 8 मई तक आवेदन लिए जाएंगे और 23 मई तक प्रवेश लिए जाएंगे। 
  • चौथे चरण में आवेदन पत्र 1 जून से 20 जून तक और प्रवेश प्रक्रिया 7 जुलाई तक पूरी की जाएगी। 
  • शुल्क प्रतिपूर्ति सहित वर्तमान सत्र तक की फीस के लिए 308 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश दिलाने के लिए नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 में इस बार चार बार लॉटरी निकाली जाएगी। इस बार आवेदन प्रक्रिया 20 जनवरी से ही शुरू हो रही है। इस बार 55 हजार से ज्यादा निजी स्कूलों की मैपिंग की जा रही है। इन स्कूलों का रजिस्ट्रेशन भी कराया जा रहा है। अब राज्य में 5.25 लाख सीटें हो गयी हैं। जैसा कि विदित है निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब परिवारों के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है।

उप शिक्षा निदेशक (समग्र शिक्षा) डॉ. मुकेश कुमार सिंह के मुताबिक इस बार एडमिशन के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। पिछले साल संतकबीरनगर में किया गया प्रयोग अब पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। संतकबीर नगर के तत्कालीन डीएम सत्येन्द्र कुमार ने ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारियों और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को ऑनलाइन आवेदन कराने की जिम्मेदारी दी थी।

डीएम, सीडीओ और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में कैंप लगाए गए और ऑनलाइन आवेदन पत्र भरवाए गए। इसका प्रचार गांव-गांव में किया गया। निजी स्कूलों में चार हजार सीटों के सापेक्ष 2300 बच्चों को प्रवेश मिला। चालू सत्र में करीब 98 हजार गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाया गया। यह लक्ष्य दो लाख निर्धारित किया गया है.


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