एसडीएम, बीएसए और शिक्षकों के समझाने के बाद भी अभिभावकों ने नही भेजा अपने बच्चों को स्कूल, देखें क्या है पूरा मामला!

एसडीएम, बीएसए और शिक्षकों के समझाने के बाद भी अभिभावकों ने नही भेजा अपने बच्चों को स्कूल, देखें क्या है पूरा मामला!

सासनी में सड़क निर्माण को लेकर गांव बिलखौरा खुर्द और कलां के ग्रामीणों का विरोध जारी है। स्कूल तो खुले, लेकिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को नहीं भेजा। शिक्षकों ने घर-घर जाकर समझाया, लेकिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं जाने दिया।

सड़क की खराब हालत के विरोध में सासनी के बिलखौरा खुर्द और कलां गांव के ग्रामीणों का धरना 13 फरवरी को नौवें दिन भी जारी रहा। हालांकि दोनों गांवों के स्कूलों के ताले खुले, लेकिन ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा, एसडीएम और बीएसए गांव पहुंचे और ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन ग्रामीणों ने साफ कह दिया कि जब तक सड़क नहीं बन जाती, तब तक वे आंदोलन करेंगे। अपने बच्चों को न भेजेस्कूल और विरोध जारी रहेगा।बीएसए ने शिक्षकों को घर-घर भेजकर बच्चों को बुलाया, लेकिन ग्रामीणों ने उनका विरोध किया। इस कारण शिक्षक बैरंग लौट गये. छात्रों का कहना है कि बारिश होने पर स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है। कई लोग गिरकर घायल हो चुके हैं, लेकिन किसी ने संपर्क पथ की हालत नहीं सुधारी।ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 15 से 20 वर्षों से अधिकारी व जन प्रतिनिधि लगातार आश्वासन देते आ रहे हैं, लेकिन आज तक संपर्क पथ की खराब स्थिति दूर नहीं हुई। ग्रामीणों ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सामने धरना जारी रखा।


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