परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों में प्राप्त कम्पोजिट ग्राण्ट के नियमानुसार व्यय के सम्बन्ध में आदेश व निर्देश

परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों में प्राप्त कम्पोजिट ग्राण्ट के नियमानुसार व्यय के सम्बन्ध में आदेश व निर्देश

Composite Grant

प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने वाले कार्य -

कम्पोजिट ग्राण्ट की धनराशि के उपभोग करने के सम्बन्ध में निम्नवत् निर्देश निर्गत किये जाते हैं-
  • कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय प्रबन्ध समिति के खातों में श्रेणी के अनुसार ही हस्तान्तरित की जायेगी, जिसका व्यवहरण अध्यक्ष एवं सदस्य सचित ( प्रधानाध्यापक) के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा। इस सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 2223/79-5-2012-29/99 टी0सी0- दिनांक 06 जुलाई, 2012 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। आवंटित धनराशि का उपभोग निम्नलिखित दिशा-निर्देशों के अधीन विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदनोपरान्त किया जायेगा।
  • निपुण भारत के लोगो की पेंन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये, जो जनसामान्य हेतु प्रथम दृष्टया दृश्यमान हो। लोगो की पेन्टिंग की माप 45 से०मी० चौड़ा एवं 60 से०मी० ऊँचे आयताकार आकार में होगी। लोगो की रंगीन फोटो संलग्न है, फोटो के अनुसार ही लोगो में रंगों का समावेश किया जाये। इस प्रयोजन हेतु प्रत्येक विद्यालय में लोगो की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। 
प्रत्येक विद्यालय में भवन की दीवार पर कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के मद में उपलब्ध एवं व्यय होने वाली धनराशि का वर्षवार एवं मदवार विवरण पेन्ट कराया जायेगा।

1- विद्युत संयोजन -

विद्युत पोल से 40 मी0 दूरी वाले विद्यालय अनिवार्यतः संयोजन करायेगें ।कक्षा में लाइट का संयोजन सीधे छत / सीलिंग से नीचे की ओर होना चाहिये अगर ऐसी स्थिति न हो तो लाइट का संयोजन खिड़कियों के ऊपर होना चाहिये ।पत्थर की छत होने की स्थिति में एल0ई0डी0 लाइट की पट्टियाँ छत पर चिपकाई जा सकती हैं।कम विद्युत खपत वाले उपकरण ही उपयोग करें।

2- ब्लैक बोर्ड व ग्रीन बोर्ड का कार्य कराया जायेगा।

प्रत्येक विद्यालय में ब्लैक बोर्ड की मरम्मत कराकर उक्त को ग्रीन बोर्ड में परिवर्तित किया जायेगा । ग्रीन बोर्ड हेतु ब्लैक बोर्ड को ग्रीन पेन्ट अथवा ग्रीन शीट द्वारा नियमानुसार परिवर्तित किया जायेगा ।ब्लैक बोर्ड / ग्रीन बोर्ड की ल० व चौ0 2500 x 1500 एम0एम0 होनी चाहिये ।कक्षा में ब्लैक बोर्ड / ग्रीन बोर्ड का अवस्थापन डेस्क से 2.4 से 2.7 मीटर की दूरी पर होना चाहियें।ब्लैक बोर्ड / ग्रीन बोर्ड से आखिरी डेस्क की अधिमतम दूरी 8.60 मीटर से अधिक न हो ।ब्लैक बोर्ड / ग्रीन बोर्ड के निचले किनारे कि ऊचाई सतह से 80 से 90 सेंटीमीटर से अधिक न हो।

ब्लैक बोर्ड के दृश्यता कोण (सामने के डेस्क पर प्रशिक्षु के स्थान के बीच 3 मीटर लम्बे ब्लैक बोर्ड के किनारों से) दूसरे और तीसरे वर्ग के छात्रों के लिए कम से कम 35 डिग्री और 6 से 7 वर्ग के बच्चो के लिए कम से कम 45 डिग्री होना चाहियें।

3- स्वच्छता एवं हैण्डवॉशिंग-

कोविड- 19 महामारी के दृष्टिगत हैण्डवाशिग में नल एवं टाइल्स पूर्ण रूप से लगाये जायेगे साथ ही छात्र संख्या के आधार पर नलो संख्या बढ़ाई जायेगी। सेनिटाइजर एवं हाथ धोने का साबुन - विद्यालय में छात्र नामांकन के आधार पर आवश्यकतानुसार फिनायल (20 लीटर), चूना (10 कि०ग्रा० ), बाल्टी (06), मग (06), कूड़ादन (06), झाडू (06), टॉयलेट ब्रश (10) टॉयलेट क्लीनर (20 लीटर अथवा अनिवार्य रूप से विद्यालय की आवश्यकतानुसार), नेलकटर (10), विद्यालय परिसर के जल निकासी एवं किचेन जल निकासी की व्यवस्थाकोविड- 19 महामारी के दृष्टिगत् यह व्यवस्था अनिवार्यतः सुनिश्चित की जायेगी।

4- शौचालय की क्रियाशीलता- 

शौचालय का टाइलीकरण / लघु मरम्मत / सफाई / सुरक्षा, शौचालय में टाइल्स का कार्य एवं लघु मरम्मत हेतु धनराशि प्रयोग की जायेगी एवं कायाकल्प सर्वे किये जाने पर शौचालय का पैरामीटर पूर्ण न पाये जाने पर सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।


5- शुद्ध पेयजल- 

हैण्डपम्प / समर्सिबल पम्प के पास पक्का प्लेटफार्म एवं सोख्ता गड्ढा का निर्माण कराया जायेगा, हैण्डपम्प के प्लेटफार्म की मरम्मत करायी जायेगी।

6- रनिंग वाटर-
समर्सिबल से पानी टैंक तक व पानी के टैंक से शौचालय, यूरिनल एवं रसोईघर में रनिंग वाटर की पाइप लाइन बिछाई जायेगी एवं रसोईघर में भोजन बनाने हेतु जल निकासी की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी।

✔ कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय प्रबन्ध समिति के खातों में श्रेणी के अनुसार ही हस्तान्तरित की जायेगी, जिसका व्यवहरण अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव ( प्रधानाध्यापक ) के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा। इस सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 2223/79-5-2012-29 / 99 टी०सी० ।। दिनांक 06 जुलाई, 2012 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। आवंटित धनराशि का उपभोग निम्नलिखित दिशा-निर्देशों के अधीन विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदनोपरान्त किया जायेगा

✔ निपुण भारत के लोगो की पेन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये, जो जनसामान्य प्रथम दृष्ट्या दृश्यमान हो। लोगो की पेन्टिंग की माप 45 से०मी० चौड़ा एवं 60 से०मी० ऊँचे आयताकार आकार में होगी। इस प्रयोजन हेतु प्रत्येक विद्यालय में लोगो की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

✔ प्रत्येक विद्यालय में भवन की दीवार पर कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के मद में उपलब्ध एवं व्यय होने वाली धनराशि का वर्षवार एवं मदवार विवरण पेन्ट कराया जायेगा।

✔ कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की जाने वाली सामग्री के बिल बाउचर की फोटो तथा कराये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में कार्य से पूर्व तथा कार्य के पश्चात् की फोटो प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप पर अपलोड की जायेगी। 

अनुमन्य कार्य:- 

वरीयता क्रम में निम्नवत् कार्य अनुमन्य होंगे:-

कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि में से न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि स्वच्छता अभियान / कार्यक्रम पर व्यय हेतु निर्धारित है, जो विद्यालय भवन परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा किं, विद्यालय में स्वच्छता सामग्री यथा ट्वायलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना, झाडू, डस्टिंग क्लॉथ, नेलकटर, हैण्डवॉश, सैनिटाइजर इत्यादि अनिवार्य रूप से वर्षपर्यन्त आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहे। 

विद्यालय के ऐसे शौचालय / मूत्रालय जो छोटी-छोटी मरम्मत / छोटे-छोटे कार्य, यथा- शौचालय मीट / यूरेनस पॉट में टूट-फूट समंबी-चपज निर्मित न होने अथवा कम गहरा होने आदि के कारण अक्रियाशील है, उनमें उक्त कार्यों को कराकर उन्हें क्रियाशील कराया जायेगा। यदि शौचालय में टाइलीकरण का कार्य नहीं हुआ है, तो इसे अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाये ।

परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के उपयोगार्थ उपलब्ध कराये जा रहे टेबलेट्स के संचालनार्थ सिम कार्ड एवं इण्टरनेट की सुविधा (माह नवम्बर 2023 से मार्च, 2024 तक) हेतु व्यय कुम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से किया जायेगा। सिम कार्ड एवं इण्टरनेट की सुविधा (माह नवम्बर, 2023 से मार्च, 2024 तक) हेतु कम्पोजिट स्कूल ग्राष्ट से 01 टेबलेट हेतु अधिकतम रू0 1500/- तथा 02 टेबलेट हेतु अधिकतम रू० 3000/- मात्र के व्यय की अनुमति प्रदान की जा रही है, जिसका समायोजन विद्यालय को प्राप्त होने वाली कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से यथासमय किया जायेगा। सिम का क्रय स्थानीय स्तर पर मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता के दृष्टिगत किया जायेगा।

समस्त परिषदीय विद्यालयों के प्रत्येक कक्षा-कक्ष में मानकानुरूप एवं गुणवत्तायुक्त व्हाइट / ग्रीन बोर्ड की उपलब्धता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाये ।

हैण्ड पम्प / सबमर्सिबल पम्प के पास पक्का प्लेटफार्म एवं सोख्ता- गड्ढा का निर्माण अनिवार्य रूप से कराया जायेगा, ताकि हैण्डपम्प के आस-पास जल भराव न हो सके तथा साफ-सफाई रहे।

रसोईघर में भोजन तैयार किये जाने एवं रसोईघर तथा बर्तनों की साफ-सफाई हेतु जल आपूर्ति एवं जल निकासी की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी।

अन्य आवश्यक कार्य-

फर्स्ट एड बॉक्स हेतु क्रय की गयी सामग्री / दवाईयों की समाप्ति तिथि (expiry date) का अवश्य मिलान करा लिया जाये तथा expired दवायें नष्ट कर दी जायें एवं आवश्यकतानुसार सामग्री क्रय किया जायेगा।

विद्यालय में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र की समय से रिफिलिंग सुनिश्चित की जायेगी।

विद्यालय के अक्रियाशील विद्युत उपकरण यथा- एल०ई०डी०. ट्यूबलाइट, पंखें स्विच आदि को ठीक करने अथवा उसके बदलने का कार्य कराया जायेगा।

छात्र उपस्थिति पंजिका, शिक्षक उपस्थिति पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, स्टॉक बुक, पुस्तकालय स्टॉक बुक. अन्य रजिस्टर, वर्ष पर्यन्त आवश्यकतानुसार चॉक एवं डस्टर का क्रय किया जायेगा।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिये इस अनुदान राशि से प्रयोगशालाओं और कम्प्यूटर शिक्षा विषयक आवश्यक कन्ज्यूमेबल सामग्री तथा इण्टरनेट पर भी व्यय किया जा सकता है।

यदि विद्यालय की रंगाई-पुताई गत वर्ष में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से अथवा आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत नहीं कराई गयी है तो वर्षा ऋतु के उपरान्त विद्यालयों की रंगाई-पुताई, दरवाजे, खिड़कियों, ग्रिल, चहारदीवारी, गेट के पेन्ट एवं वॉल पेन्टिंग का कार्य भी आवश्यकतानुसार कराया जायेगा। प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में एकरूपता लाये जाने के लिये आवश्यक है कि भवन बाहर से अनिवार्य रूप से सफेद रंग में पुतवाया जायेगा। 

कक्षा-कक्षों का टाइलीकरण ऐसे विद्यालय जिसमें सभी कक्षा-कक्ष की फर्श टूटी-फूटी / क्षतिग्रस्त है और वहाँ रू० 75000/- या उससे अधिक कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि प्राप्त हो रही है वहाँ, प्रथम वरीयता एवं द्वितीय वरीयता के कार्य एवं अन्य आवश्यक कार्यों यथा- सहायक शिक्षण सामग्री, प्राथमिक उपचार सामग्री, अग्निशमक यंत्र की रीफिलिंग, यथावश्यक पेंटिंग कार्य, अक्रियाशील उपकरणों को ठीक कराना / बदलवाना आदि कार्यों को कराने के बाद यदि पर्याप्त धनराशि अवशेष बचती है, तो उपलब्ध धनराशि के अनुरूप कक्षा-कक्षों के टाइलीकरण का कार्य विद्यालय प्रबन्ध समिति से अनुमोदनोपरान्त कराया जायेगा।

स्मार्ट क्लास सुरक्षा एवं रख-रखाव:-

विद्यालय के गेट और कक्षों के समस्त दरवाजों पर सामान्य ताला के स्थान पर डबलइंटरलॉकिंग की व्यवस्था की जाये। साथ ही जिस कक्षा-कदा में स्मार्ट क्लास के उपकरण हमें उसकी खिडकियों पर लोहे की सुरक्षित दिल व पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित कुन्दी की व्यवस्था की जाये  

जिस कमरे में अवस्थापना सुविधा का अधिस्थापन किया जाना है, वहाँ के दरवाजे लोहे के होगें।

स्मार्ट क्लास की सुरक्षा एवं रख-रखाव सम्बन्धी अपरिहार्य कार्य कराये जा सकेंगे।

सम्पर्क फाउण्डेशन के स्मार्ट ब्लॉक इनिशिएटव कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदत्त ऑडियो उपकरण की बैटरी की आवश्यकतानुसार खरीद की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त विद्यालय की आवश्यकतानुसार अन्य कार्य भी विद्यालय प्रबंध समिति से अनुमोदनोपरान्त कराये जा सकेंगे।

सामान्य निर्देश:-

यदि गत् वर्ष की कोई धनराशि शेष हो तो उसे वर्तमान वर्ष की धनराशि के साथ सम्मिलित कर संयुक्त कार्ययोजना बनाकर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदन से कार्य कराया जा सकेगा।

विद्यालय की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही वित्तीय नियमों का पालन करते हुए अच्छी गुणवत्ता की सामग्री क्रय की जानी है। यदि कोई कार्य अन्य योजना / मद के अन्तर्गत पूर्व में कराया जा चुका है अथवा अन्य योजनान्तर्गत कार्ययोजना में अनुमोदित है, तो पुनः कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट का उपयोग ऐसे कार्य के लिये न किया जाय। जो सामग्री गत वर्ष पूर्व में क्रय की जा चुकी हो उसको क्रय सूची में अनावश्यक रूप से शामिल नहीं होना चाहिए। यह विशेष ध्यान रखा जाये कि एक ही कार्य के लिये दो मदों से धनराशि कदापि आहरित न हो। इस प्रकार के तथ्य प्रकाश में आने पर इसे गबन की श्रेणी में मानते हुये कार्यवाही की जायेगी।

विद्यालय प्रबन्ध समितियों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न सामग्रियों की क्रय प्रक्रिया में निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा-

1. शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत क्रय प्रक्रिया सम्बन्धी शासनादेशों, नियमावलियों एवंनिर्देशों का अनुपालन । 

2. स्टोर पर्चेज रूल्स में दिये गये आदेश एवं निर्देशों का अनुपालन ।अनुपालनउक्त बिन्दु सं० 1 एवं 2 में दिये गये निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कोटेशन / निविदा प्रक्रिया अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता के सम्बन्ध में निम्नलिखित निर्देशों का अनिवार्यतः सुनिश्चित कराया जायेगा-

1. सामग्री क्रय में निर्धारित मानक एवं स्पेसीफिकेशन का पालन किया जायेगा।

2. क्रय की जाने वाली सामग्री प्रमुखतया भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित हो तथा यथासम्भव जी०एस०टी० पंजीकृत फर्म से ही क्रय करने की कार्यवाही की जायेगी।

3. जो सामग्री BSI द्वारा प्रमाणित न हो वह मूल निर्माता / उत्पादक अथवा अधिकृत विक्रेता से ही क्रय की जायेगी।

✔ कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय के खातो में हस्तान्तरण के बाद प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर बैठक आयोजित की जाये, जिसमें खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी द्वारा समस्त प्रधानाध्यापकों / इंचार्ज अध्यापकों को कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट मद में अवमुक्त धनराशि, विभागीय निर्देश, क्रय की प्रक्रिया इत्यादि के साथ-साथ धनराशि उपभोग की विधिवत् जानकारी दी जायेगी।

✔ कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की गयी सामग्री हेतु 02 प्रकार के रटीक रजिस्टर बनाये जाये, 1- उपभोज्य (consumable) सामग्री, जैसे- फिनायल, साबुन, मिष्ठान हेतु 2- उपभोज्य न होने वाली (non-consumable) सामग्री, जैसे आलमारी, रजिस्टर, श्यामपट जैसी स्थायी प्रकृति की सामग्री की प्रविष्टि हेतु।

✔ कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट में धनराशि का उपभोग के लिये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक पूर्णतः उत्तरदायी होंगे। 

अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं सत्यापन:-

✔ कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट मद में अवमुक्त धनराशि का निर्धारित प्रारूप पर उपभोग प्रमाण-पत्र प्रधानाचार्य एवं अध्यक्ष, विद्यालय प्रबन्ध समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से प्राप्त कर ब्लॉक स्तर पर संरक्षित रखा जायेगा एवं प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट Data Capture Format (DCF) पर विद्यालयवार, मदवार त्रुटिरहित सूचना सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपलोड की जायेगी।

✔ खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने विकास खण्ड में रैण्डम आधार पर 20% विद्यालयों में सामग्री क्रय की प्रक्रिया, उसकी गुणवत्ता तथा अभिलेखों के रख-रखाव के सम्बन्ध में स्वयं जांच करेंगे और निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए आख्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे।

कम्पोजिट स्कूल ग्रण्ट की धनराशि का उपभोग विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा उक्त निर्देशों के अधीन स्थानीय आवश्यकता के अनुसार किया जाना है।

कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट में धनराशि का उपभोग के लिये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक पूर्णतः उत्तरदायी होंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि इस निर्देश पत्र की प्रतियाँ यथावश्यक छपवाकर प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक / इंचार्ज अध्यापक को वितरित किया जाना सुनिश्चित करायें।

उपरोक्तानुसार प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने वाले कार्य यदि नही कराये जाते है तो उन विद्यालय के प्रधानाध्यापक/इंचार्ज अध्यापक स्वयं पर हुयी विभागीय कार्यवाही के जिम्मेदार होगें।

अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्त चार्ट व बिन्दु अनुसार कार्यों का निष्पादन कराना सुनिश्चित करें।

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