परीक्षा में धांधली करने पर अब होगी दस साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, लोकसभा में लोकसभा में बिल पास
प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं से निपटने के प्रावधानों वाला सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। इसमें परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े अपराध के लिए तीन से पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना होगा। वहीं, संगठित अपराध के मामलों में 10 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश किया। एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति गठित करने का प्रस्ताव है, जो कंप्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा और परीक्षाएं भी शामिल होंगी। सूत्रों ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक होना एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गई है, इसलिए अपनी तरह का पहला केंद्रीय कानून लाने की जरूरत महसूस की गई। गुजरात जैसे कुछ राज्यों ने इस समस्या से निपटने के लिए अपने स्वयं के कानून लाए हैं। सूत्रों ने कहा कि विधेयक में छात्रों के खिलाफ नहीं बल्कि संगठित अपराध, माफिया और मिलीभगत में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
केंद्रीय एजेंसी से जांच संभव
बिल के मुताबिक ऐसे मामलों की जांच डीएसपी या सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा की जाएगी। केंद्र सरकार को जांच किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का अधिकार होगा। बिल के मुताबिक उम्मीदवारों की सीट बदलना भी कदाचार माना जाएगा।
जांच में अनेक परीक्षाओं का दायरा
विधेयक के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी, आईबीपीएस, केंद्र सरकार के विभागों और मंत्रालयों की परीक्षाएं, उनसे जुड़े अधीनस्थ कार्यालयों में कर्मचारियों की नियुक्ति, एनटीए और केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य प्राधिकरण शामिल होंगे।