Income Tax Notice: आयकर विभाग फर्जी किराया पर्चियों का पता कैसे लगाता है? जानें क्या है तरीका

Income Tax Notice: आयकर विभाग फर्जी किराया पर्चियों का पता कैसे लगाता है? जानें क्या है तरीका

जब से आयकर विभाग ने फॉर्म-16 का मिलान वार्षिक आय सांख्यिकी (एआईएस) और फॉर्म-26एएस से करना शुरू किया है, तब से करदाताओं के लिए फर्जी दस्तावेजों के जरिए कर छूट का दावा करना मुश्किल हो गया है।

कई करदाता फर्जी किराया पर्चियां जमा कर हजारों रुपये की टैक्स छूट हासिल कर लेते थे, जो अब पकड़े जा रहे हैं और विभाग उन्हें त्वरित नोटिस भी भेज रहा है।

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आयकर विभाग अब फर्जी किराया पर्चियों के जरिए टैक्स क्लेम करने वाले हजारों करदाताओं की पहचान करने में जुट गया है। विभाग ऐसे करदाताओं को नोटिस भी भेज रहा है। नोटिस मिलते ही करदाता डर जाते हैं और उनके मन में एक ही सवाल उठता है कि आखिर आयकर विभाग ने इस फर्जीवाड़े को कैसे पकड़ लिया।

आयकर विभाग ने यह व्यवस्था बनाई है

टैक्स विशेषज्ञ का कहना है कि जब से आयकर विभाग ने फॉर्म-16 का मिलान वार्षिक आय आंकड़ों (एआईएस) और फॉर्म-26एएस से करना शुरू किया है, तब से ऐसे फर्जी मामलों को पकड़ना आसान हो गया है। जो भी करदाता किराया पर्ची के जरिए हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) पर टैक्स छूट का दावा करते हैं, उसका मिलान उनके मकान मालिक से किया जाता है। जब दोनों के वार्षिक आय विवरण की तुलना की जाती है, तो अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

धोखाधड़ी पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग

टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि विभाग ऐसे मामलों का पता लगाने के लिए Artificial Intelligence (एआई) तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इसके जरिए आय और व्यय के सभी Source का मिलान किया जाता है और झूठे दावों का तुरंत पता चल जाता है।

दरअसल, House Rent Slip के जरिए INCOME TAX छूट का दावा करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना हर टैक्स Payer के लिए जरूरी है।

मकान किराया से छूट हेतु महत्वपूर्ण बिंदु:

  • किराया पर्ची पर मकान मालिक का पैन नंबर होना अनिवार्य है।
  • किराये की पर्ची में घर का पता और संपर्क जानकारी भी होनी चाहिए।
  • किराया पर्ची पर किराया राशि और भुगतान की तारीख भी स्पष्ट होनी चाहिए।
  • करदाता को किराया पर्ची के साथ बैंक स्टेटमेंट भी जमा करना होगा, जिसमें किराया भुगतान का विवरण होगा।

यदि करदाता उपरोक्त नियमों पालन नहीं करते हैं तो उन्हें नोटिस भेजा जा सकता है और उन्हें जुर्माना और टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष:

आयकर विभाग फर्जी रेंट स्लिप का पता लगाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है। करदाताओं को चाहिए कि वे रेंट स्लिप के माध्यम से टैक्स छूट का दावा करते समय सभी नियमों का पालन करें।

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