LKG में पढ़ने वाले पांच साल के बच्चे ने दायर की जनहित याचिका, देखें क्या है मामला?

LKG में पढ़ने वाले पांच साल के बच्चे ने दायर की जनहित याचिका, देखें क्या है मामला?

स्कूल के बगल में स्थित शराब के ठेके के बाहर आए दिन होने वाले शराबियों के हंगामे से परेशान एलकेजी में पढ़ने वाले पांच साल के बच्चे ने मदद की गुहार लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने न सिर्फ इस पांच साल के बच्चे की जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, बल्कि यूपी सरकार से जवाब भी मांगा है। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि स्कूल के बगल में शराब की दुकानों का हर साल नवीनीकरण कैसे किया जा रहा है। यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है। कोर्ट इस मामले पर 13 मार्च को दोबारा सुनवाई करेगा।

यह मामला कानपुर शहर के चिड़ियाघर के पास स्थित आजाद नगर मोहल्ले का है। पांच वर्षीय अथर्व दीक्षित आजाद नगर इलाके में स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एलकेजी का छात्र है। स्कूल से महज 20 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका है।

नियमानुसार सरकारी दुकानें दिन में 10 बजे के बाद ही खुलनी चाहिए, लेकिन अक्सर सुबह 6 से 7 बजे तक शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां लोग शराब के नशे में हंगामा करते हैं। स्कूल के पास ही रिहायशी इलाका भी है, जहां सैकड़ों लोग रहते हैं।

शराबियों की इस गुंडागर्दी से पांच साल का अथर्व न सिर्फ परेशान था, बल्कि उसे सड़क पर डर भी लगता था। अथर्व के कहने पर उसके परिजनों ने कई बार कानपुर और यूपी सरकार के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तर्क दिया गया कि यह स्कूल 2019 में खोला गया था, जबकि शराब का ठेका करीब 30 साल पुराना है। इस पर अथर्व ने अपने परिजनों की मदद से इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की।

अथर्व दीक्षित की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने दलील दी कि शराब का ठेका पुराना है, जबकि स्कूल कुछ साल पहले ही खुला है।

इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि स्कूल खुलने के बाद साल दर साल शराब के ठेकों का नवीनीकरण कैसे किया जा रहा है। अथर्व के वकील आशुतोष शर्मा के मुताबिक इस मामले की सुनवाई 13 मार्च को फ्रेश केस के तौर पर होगी।


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