अच्छी खबर: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाली पदों को भरने की तैयारी, ग्रुप C में होंगी सबसे ज्यादा भर्तियां

अच्छी खबर: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाली पदों को भरने की तैयारी, ग्रुप C में होंगी सबसे ज्यादा भर्तियां 

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लखनऊ,  राज्य सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में खाली सरकारी पदों पर बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी की है। सरकारी विभागों में खाली पदों में 70 हजार से ज्यादा पद भरे जाने की उम्मीद है. आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी एक लाख से अधिक कर्मियों की तैनाती की जायेगी। बड़े पैमाने पर इन भर्तियों को देखते हुए सरकार ने 2024-25 के लिए वेतन मद में लगभग 53,347 करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए हैं।

सबसे ज्यादा भर्तियां ग्रुप 'सी' के पदों पर होंगी, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में शिक्षकों के रिक्त पद भी भरे जाएंगे

एक लाख आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा भर्तियां ग्रुप 'सी' के पदों पर की जाएंगी।  बड़ी संख्या में अकाउंटेंट, ग्राम पंचायत के सचिव, गन्ना पर्यवेक्षक, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ और पुलिस की भर्ती की जानी है। इसके अलावा माध्यमिक और उच्च शिक्षा में शिक्षकों के रिक्त पद भी भरे जाने हैं। इन स्थायी पदों के साथ-साथ विभागों का कार्यभार साझा करने के लिए एक लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मियों को भी नियुक्त किया जाना है। वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने इन भर्तियों को ध्यान में रखते हुए वेतन के लिए ज्यादा बजट का प्रावधान किया है। ये सभी भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं और कुछ के लिए विज्ञापन जारी किया जाना है।

नए कर्मचारियों के वेतन के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

अगर हम राज्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते के अलावा कर्मचारियों को दी जाने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली महंगाई राहत को जोड़ दें तो सरकार पर हर साल करीब 10-12 हजार करोड़ रुपये का खर्च आता है। मौजूदा बजट में 53,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रावधान से साफ है कि बाकी करीब 40,000 करोड़ रुपये का प्रावधान नई नौकरियों आदि के लिए किया गया है।

करों के माध्यम से सरकार को मिलने वाले कुल राजस्व का आधे से अधिक हिस्सा वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान में खर्च हो जाता है। इनमें हर साल सबसे ज्यादा रकम सैलरी पर खर्च करनी पड़ती है।

वेतन वृद्धि के लिए भी पैसा

वेतन और पेंशन मद में अधिक धनराशि के प्रावधान का कारण यह है कि महंगाई भत्ता, महंगाई राहत और वार्षिक वेतन वृद्धि में वृद्धि साल में दो बार जोड़ी जाती है। इसके अलावा नई नियुक्तियों और सेवानिवृत्ति लाभ की राशि भी इसी मद में रखी जाती है

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