UP BUDGET : प्रदेश के लाखों कर्मचारी बजट को लेकर निराश, नही पूरी हुई कर्मचारियों की कई उम्मीदें

UP BUDGET : प्रदेश के लाखों कर्मचारी बजट को लेकर निराश, नही पूरी हुई कर्मचारियों की कई उम्मीदें 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी बजट को लेकर प्रदेश के लाखों कर्मचारी निराश हैं। बजट में राहत न मिलने और पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा न होने से शिक्षकों और कर्मचारियों में आक्रोश भी दिख रहा है। प्रदेश महामंत्री डाॅ नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों के मुद्दे पर असंवेदनशील है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ.राजेश कुमार ने कहा कि कर्मचारियों व शिक्षकों को राज्य सरकार से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन सरकार द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिये जाने से लोग निराश है। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने भी नाराजगी जताई।

यूपी बजट 2024

रोजगार के लिए और प्रयास की जरूरत

संयुक्त परिषद के महासचिव अतुल मिश्रा ने भी स्थायी रोजगार सृजन की दिशा में कोई योजना नहीं होने पर चिंता व्यक्त की है। निजीकरण योजनाएं कभी भी जनहित में नहीं हो सकती, इसलिए सरकार को स्थाई रोजगार की दिशा में कदम उठाना चाहिए। ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने के बजाय ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सभी पदों पर संविदा के आधार पर भर्ती की जाती है, स्थायी रोजगार सृजन नहीं होने के कारण तकनीकी योग्यता वाले लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। या फिर कम वेतन और भविष्य की असुरक्षा के बीच काम करना होगा। संविदा कर्मचारी भी अपने मानदेय में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे जो पूरा नहीं हुआ।

बजट में कर्मचारी हितों की अनदेखी का आरोप

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने राज्य सरकार पर पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा न करने समेत कर्मचारी हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है और बजट को कर्मचारी हितों के प्रतिकूल बताया है। परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महासचिव अतुल मिश्रा और प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने संयुक्त रूप से कहा कि कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए, लेकिन बजट में कोई घोषणा नहीं की गई, इसलिए यह बजट उम्मीदों के विपरीत है। 

सोचा गया था कि बजट में कम से कम चिकित्सा विभाग को 25 प्रतिशत कोरोना वॉरियर्स भत्ता मिलेगा। रुका हुआ परिवार कल्याण भत्ता और शहरी भत्ता मिलेगा। कुछ न मिला, अशोक कुमार, प्रधान महासचिव, मेडिकल हेल्थ फेडरेशन

चिकित्सा क्षेत्र में सराहनीय प्रयास किये गये। लेकिन, इस बार बजट में स्वास्थ्य कर्मियों के कल्याण के लिए कोई प्रावधान नहीं होने से चिकित्सा कर्मियों में निराशा है, धर्मेश कुमार, पूर्व महासचिव, कर्मचारी महासंघ पीजीआई

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