परिषदीय स्कूलों में बच्चों की रियल टाइम उपस्थिति को लेकर सख्ती शुरू, समीक्षा बैठक 6 मार्च को

परिषदीय स्कूलों में बच्चों की रियल टाइम उपस्थिति को लेकर सख्ती शुरू, समीक्षा बैठक 6 मार्च को

  • रायबरेली समेत एक दर्जन जिलों के 50 विकास खंड चिह्नित
  • शिक्षक संघ ने कहा, शिक्षकों पर न डाला जाए दबाव

लखनऊ. परिषदीय स्कूलों में बच्चों की रियल टाइम उपस्थिति को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। बच्चों की उपस्थिति प्रतिदिन अपडेट नहीं करने वाले एक दर्जन जिलों के 50 विकास खंडों को चिह्नित किया गया है। उनकी समीक्षा बैठक 6 मार्च को होगी। माना जा रहा है कि सरकार यहां के बीईओ पर कार्रवाई कर सकती है।

परिषदीय स्कूलों में बच्चों की रियल टाइम उपस्थिति को लेकर सख्ती शुरू, समीक्षा बैठक 6 मार्च को

परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और मिड-डे मील समेत एक दर्जन रजिस्टरों को डिजिटल करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में हाल ही में बच्चों की उपस्थिति और मध्याह्न भोजन की जानकारी प्रतिदिन ऑनलाइन अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि अभी भी कई स्कूलों में टैबलेट का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने रायबरेली और बस्ती समेत एक दर्जन जिलों के 50 विकास खंडों में बेहद कम डाटा एंट्री पर नाराजगी जताई है।

 उन्होंने सभी बीएसए और बीईओ को समीक्षा बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र लिखकर शिक्षकों पर ऑनलाइन उपस्थिति के लिए दबाव न बनाने की मांग की है। बच्चों की उपस्थिति अपडेट करने, मध्याह्न भोजन की रिकार्डिंग और फल-दूध वितरण की फोटो मांगने पर रोक। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों का प्रोन्नति वेतनमान निर्धारित किया जाये, शिक्षकों की वरिष्ठता सूची प्रकाशित की जाये, जीपीएफ लेजर को अद्यतन किया जाये, ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में शामिल किया जाये।

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