परिषदीय बच्चों को निपुण बनाने हेतु सायंकालीन कक्षाएं संचालित करने वाला हमीरपुर पहला जिला होगा।

परिषदीय बच्चों को निपुण बनाने हेतु सायंकालीन कक्षाएं संचालित करने वाला हमीरपुर पहला जिला होगा।

हमीरपुर, जिले के परिषदीय स्कूलों में अध्ययरत बच्चों को निपुण बनाने, विभिन्न परीक्षाओं में सक्षम बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अब शाम की कक्षाएं भी संचालित की जाएंगी।

परिषदीय बच्चों को निपुण बनाने हेतु सायंकालीन कक्षाएं संचालित करने वाला हमीरपुर पहला जिला होगा।

जिलाधिकारी की पहल पर हमाओ हमीरपुर, निपुण हमीरपुर के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कक्षाओं के संचालन को लेकर बीएसए ने सभी BEO, SRG, ARP को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सायंकालीन कक्षाएं संचालित करने वाला हमीरपुर पहला जिला है, जिसने ऐसी पहल की है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी आलोक सिंह चंदेल ने बताया कि जिलाधिकारी की पहल पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहयोग से सभी गांवों में शाम 4 से 6 बजे तक सांध्यकालीन पाठशाला का संचालन किया जाएगा। यह कार्य स्वेच्छा से किया जायेगा। इसे लेकर किसी पर कोई दबाव नहीं होगा। (वार्ता)

संचालन के लिए प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों एवं अभिभावकों से सहयोग लेकर सार्वजनिक स्थान जैसे पंचायत भवन, ग्राम सचिवालय, खेल का मैदान आदि का निर्धारण किया जाएगा। शाम को स्कूल के दौरान बच्चों को पंक्तियों में बैठाकर पढ़ाया जाएगा। शैक्षिक सामग्री बच्चों, अभिभावकों और विशेषज्ञ साथियों के साथ साझा की जाएगी।

बीएसए ने बताया कि शिक्षण कार्य में विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई ई-लर्निंग सामग्री के साथ-साथ पोस्टर एवं शैक्षिक सामग्री तथा दूरदर्शन पर प्रसारित वीडियो, बच्चों की पाठ्य पुस्तकें एवं वर्कबुक को भी शामिल किया जाएगा।

बीएसए ने कहा कि प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक विद्यालयों के संचालन में सहयोग करेंगे। इसके लिए आप जिला नोडल से संपर्क कर सकते हैं।

सायंकालीन कक्षाओं के संचालन का उद्देश्य विद्यार्थियों को विभिन्न परीक्षाओं के लिए दक्ष बनाना भी है। नोडल अधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य नवोदय परीक्षा, अटल आवासीय परीक्षा, राष्ट्रीय आय एवं पात्रता परीक्षा, केंद्रीय विद्यालय प्रवेश परीक्षा, राष्ट्रीय अविष्कार अभियान परीक्षाओं में मदद करना है।

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