मृतक आश्रित कोटे की नियुक्ति तत्कालीन नियमों के अनुसार होगी : हाई

मृतक आश्रित कोटे की नियुक्ति तत्कालीन नियमों के अनुसार होगी : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति के लिए कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में आवेदन के समय लागू नियम ही लागू होंगे। बाद में जारी किया गया सरकारी आदेश उस पर तब तक लागू नहीं होगा जब तक कि इसे पूर्वव्यापी रूप से लागू न किया गया हो।

इसके साथ ही कोर्ट ने 9 नवंबर 2020 को जिला कमांडेंट होम गार्ड कानपुर नगर के याचिकाकर्ता को केवल होम गार्ड के पद पर नियुक्त करने के आदेश को अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया है और याचिकाकर्ता की नियुक्ति नियमानुसार तीन माह के भीतर करने पर विचार करने का निर्देश दिया है। याची के पिता मानद कंपनी कमांडर होम गार्ड के पद पर थे। याचिकाकर्ता ने उसी पद पर नियुक्ति की मांग की।

मृतक आश्रित कोटे की नियुक्ति तत्कालीन नियमों के अनुसार होगी: कोर्ट

इनकार करने पर यह याचिका दायर की गयी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सौरभ सुचारी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। बता दें कि याची के पिता की 18 अक्टूबर 2020 को सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी। याची की मां ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की थी। याचिकाकर्ता से दस्तावेज मांगे गए। मेडिकल कराया गया। सीएमओ ने उन्हें फिट पाया। इस बीच अपर मुख्य सचिव गृह ने 2 नवंबर 20 को शासनादेश जारी कर कहा कि आश्रित कोटे में केवल होम गार्ड स्वयंसेवक पदों पर ही नियुक्ति की जायेगी. इस पर जिला कमांडेंट ने यह आदेश दिया था। जिसे चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि आगामी सरकारी आदेश उस पर लागू नहीं होगा।

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