परिषदीय स्कूलों में वित्तीय अनियमितता रोकने और त्वरित कार्रवाई के लिए विभाग ने शुरू की नई पहल, वित्तीय गड़बड़ी रोकने के लिए हर माह होगी जांच।

परिषदीय स्कूलों में वित्तीय अनियमितता रोकने और त्वरित कार्रवाई के लिए विभाग ने शुरू की नई पहल, वित्तीय गड़बड़ी रोकने के लिए हर माह होगी जांच।

लखनऊ, परिषदीय स्कूलों में वित्तीय अनियमितता रोकने और त्वरित कार्रवाई के लिए विभाग ने नई पहल शुरू की है। विभाग ने तय किया है कि बीएसए बीईओ की तरह अब हर महीने सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी भी अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाकर वित्तीय मामलों की प्रगति देखेंगे। इस दौरान यदि कोई अनियमितता पाई गई तो वे इसकी रिपोर्ट बीएसए को देंगे।

परिषदीय स्कूलों में वित्तीय अनियमितता रोकने और त्वरित कार्रवाई के लिए विभाग ने शुरू की नई पहल, वित्तीय गड़बड़ी रोकने के लिए हर माह होगी जांच।

बेसिक शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत विद्यालय स्तर पर खरीद आदि का कार्य किया जाता है। कई बार ऐसा देखा गया है कि स्कूल स्तर पर होने वाली अनियमितताएं या कमियां उच्च स्तर पर बहुत देर से या तब पता चलती हैं, जब कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए स्कूल पहुंचता है। ऐसे में जब तक मामला उच्च स्तर तक पहुंचता है, तब तक कई बार संबंधित अधिकारी और जिम्मेदारियां बदल जाती हैं। विभाग ने यह निर्देश दिया है कि सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी प्रत्येक माह कम से कम पांच शिक्षण दिवस में संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के साथ व्यक्तिगत रूप से विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान पाई गई वित्तीय कमियों का जिक्र करते हुए अपनी संस्तुति के साथ एक संयुक्त रिपोर्ट बीएसए को दी जाएगी। इसके आधार पर बीएसए आवश्यक कार्रवाई करते हुए विद्यालय स्तर पर आवश्यक निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि निरीक्षण के दौरान बीएसए एवं मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक कंपोजिट ग्रांट के उपयोग के संबंध में क्रय व्यवस्था प्रक्रिया, सामग्री की गुणवत्ता एवं अभिलेखों का रख-रखाव सुनिश्चित करेंगे। साथ ही अनुदान के उपयोग में अनियमितता पाये जाने पर विद्यालय प्रबंधन समिति दोषी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही स्कूलों में हुई खरीदारी का जिला स्तर पर अलग से निरीक्षण किया जायेगा।


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