02 से अधिक संतान होने पर नियुक्ति निरस्त किये जाने के सम्बंध में, देखें किस राज्य का है मामला!

02 से अधिक संतान होने पर नियुक्ति निरस्त किये जाने के सम्बंध में, देखें किस राज्य का है मामला!

जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द होने से 50 लाख से ज्यादा युवाओं को दोबारा परीक्षा देनी होगी, वहीं हजारों लोगों को सरकारी नौकरी मिलने के बावजूद उन पर खतरे की तलवार लटक रही है। इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश शासन का है। जिसके तहत 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरे बच्चे को जन्म देने वाले माता-पिता सरकारी नौकरी में शामिल नहीं हो सकते।

सरकारी नौकरी के लिए दो बच्चों का नियम

इन्हीं नियमों के तहत दो साल पहले मध्य प्रदेश में 1000 से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का नोटिस जारी किया गया था। राजस्थान में 2 से अधिक बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक थी, जिसे मार्च 2023 में हटा दिया गया। वर्ष 2017 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद एक पूर्व सैनिक ने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन दो से अधिक बच्चे होने के कारण उनकी उम्मीदवारी खारिज होने के बाद उन कानूनों पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। जून 2002 में राजस्थान में लागू नियमों के अनुसार दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती।

केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों में 2 बच्चों का नियम नहीं है, लेकिन कई राज्यों में वर्ष 2000 के बाद इस संबंध में कई नियम बनाए गए हैं। दो से अधिक बच्चों वाले लोग तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा में स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते। असम सरकार ने 2019 में नियमों को मंजूरी दी थी जिसके अनुसार दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को 2021 के बाद सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है। वर्ष 2016 में महाराष्ट्र में एक लैब असिस्टेंट को नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उसके दो से अधिक बच्चे थे। ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी। महाराष्ट्र में ही एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 2014 के नियमों के तहत नौकरी से निकाल दिया गया। हाई कोर्ट में अपने बचाव में उन्होंने कहा कि जिस समय नियम पारित किए गए उस समय वह 8 महीने की गर्भवती थीं, इसलिए नौकरी से बर्खास्तगी पूरी तरह से गलत है।

कानून में कई कमियों के कारण दो बच्चों के नियम को लागू करना बहुत जटिल कार्य है। कानून के मुताबिक दूसरी शादी गैरकानूनी है, लेकिन कोर्ट के फैसले दूसरी पत्नी के बच्चों को कानूनी मान्यता देते हैं। इन मामलों में दो बच्चों का नियम कैसे लागू होगा? इसी तरह, लिव-इन और सरोगेसी से पैदा हुए बच्चों के अधिकारों को लेकर भी कई अदालती फैसले हैं, लेकिन कोई स्पष्ट कानून नहीं है। प्राचीन समय में लोग भूमि सीमा के कारण ज़ब्त होने से बचने के लिए अतिरिक्त भूमि कागज पर दान कर देते थे। 

सरकारी नौकरी के लिए दो बच्चों का नियम


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