हाईकोर्ट ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन को ठहराया उचित, शिक्षकों की समस्याओं के समाधान हेतु कमेटी बनाने का निर्देश

हाईकोर्ट ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन को ठहराया उचित, शिक्षकों की समस्याओं के समाधान हेतु कमेटी बनाने का निर्देश

हाईकोर्ट ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन को ठहराया उचित, शिक्षकों की समस्याओं के समाधान हेतु कमेटी बनाने का निर्देश

  • कोर्ट ने माना शासनादेश के पैरा 10 व 2 के बीच में विरोधाभास
  • कोर्ट का राज्य सरकार को शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए कमेटी बनाने का निर्देश

प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक ही परिसर में चल रहे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक परिषदीय विद्यालयों के विलय की राज्य सरकार की नीति को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान ऐसा कोई तथ्य पेश नहीं किया जा सका कि यह योजना छात्रों के लिए लाभकारी नही है। कोर्ट ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन के लिए जारी सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। ताकि किसी के प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति पाने के वैधानिक अधिकार का हनन न हो।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने हिना खालिक समेत दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिकाओं में 22 नवंबर 2018 को जारी सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी। इस शासनादेश में सरकार ने एक ही परिसर में चल रहे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का विलय करने का निर्णय लिया। दोनों विद्यालयों के वरिष्ठतम शिक्षक ही प्रधानाध्यापक होंगे और वही सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्य संभालेंगे। दोनों स्कूल एक इकाई की तरह होंगे। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इस शासनादेश से उन शिक्षकों का भविष्य प्रभावित होगा जो प्राथमिक या उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापक बनने जा रहे हैं और जो पहले से ही हेडमास्टर थे और अब जूनियर हो गये। यह भी कहा गया कि स्कूलों को एकीकृत करने का कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है। परन्तु ऐसा कोई प्रावधान प्रस्तुत नहीं किया जा सका जिससे विद्यालयों के एकीकरण पर रोक लगे। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई तर्क पेश नहीं किया जा सकता कि यह फैसला छात्रों के हित में नहीं है। कोर्ट ने कहा कि विलय से सभी छात्र उच्च प्राथमिक शिक्षकों के अनुभव का लाभ उठा सकेंगे।

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