मानव सम्पदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण अपडेट नहीं करने पर शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मानव सम्पदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण अपडेट नहीं करने पर शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मुज़फ्फरनगर, माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अब शिक्षकों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

शिक्षकों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा

डीआईओएस डॉ.धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि मानव संपदा पोर्टल राज्य के सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को विभिन्न ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करता है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए सेवाओं को आसान और पारदर्शी बनाना है। पोर्टल के माध्यम से शिक्षक छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उसकी स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं। आप अपना वेतन विवरण देख सकते हैं। प्रमोशन, ट्रांसफर और पेंशन आदि के लिए भी आवेदन किया जा सकता है।

पोर्टल के नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य डॉ.विकास कुमार ने बताया कि कर्मचारी अब घर बैठे ही विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल का उपयोग करने से कर्मचारियों का समय बचता है, क्योंकि अब उन्हें कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा माध्यमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर देना होगा। इसके लिए आखिरी तारीख 18 मई रखी गई है. यदि शिक्षक समय सीमा के भीतर अपनी संपत्ति का विवरण अपडेट नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

पोर्टल पर इन संपत्तियों का देना होगा ब्योरा

पोर्टल के नोडल डॉ. विकास कुमार ने कहा कि शिक्षकों को अपने बैंक जमा, शेयर, वाहन, आभूषण और अन्य कीमती सामान के साथ-साथ भूमि, भवन और अन्य संपत्तियों का उल्लेख करना होगा। शिक्षकों को केवल वही संपत्ति घोषित करनी होगी जो उनके नाम पर या उनके आश्रितों के नाम पर हो। यदि शिक्षक किसी संपत्ति के सह-मालिक हैं, तो उन्हें संपत्ति में अपना हिस्सा भी बताना होगा। शिक्षकों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा अपडेट करना होगा।

वर्तमान में जिले में कुल 1622 शिक्षक कार्यरत

डीआईओएस डॉ. धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि जिले में 41 राजकीय और 71 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें कुल 1622 शिक्षक शामिल हैं। इनमें प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, हेडमास्टर, लेक्चरर और सहायक शिक्षक शामिल हैं। हालाँकि स्वीकृत पद अधिक हैं, फिर भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं।

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