चयन परीक्षाओं की शुचिता के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं, शीघ्र लागू होगा नया कानून : मुख्यमंत्री

चयन परीक्षाओं की शुचिता के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं, शीघ्र लागू होगा नया कानून : मुख्यमंत्री

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। सीएम ने परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने की बात कही है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं किया जायेगा। शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के लिए जल्द ही यूपी में नया कानून लागू किया जाएगा। बैठक के दौरान सीएम योगी ने विभागों में खाली पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए।

CM YOGI AADITYANATH

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परीक्षाओं का आयोजन किया जाए उनमें शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाए। पेपर लीक और सॉल्वर गैंग जैसी घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। पेपर लीक और सॉल्वर गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो एक उदाहरण बने।

भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय पर जारी करें

सीएम योगी ने कहा कि चयन आयोगों से अपेक्षा की जाती है कि वे भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर समय पर जारी करेंगे और उसका सख्ती से पालन करेंगे। सभी चयन आयोग आपसी समन्वय से यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में केवल एक ही परीक्षा आयोजित हो। 

स्वच्छ ट्रैक रिकॉर्ड वाले महाविद्यालयों में परीक्षा केंद्र बनाया जाए। 

चयन परीक्षाओं के केंद्रों के लिए केवल सरकारी माध्यमिक, डिग्री कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों या स्वच्छ ट्रैक रिकॉर्ड वाले कॉलेजों में ही परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए। परीक्षा केंद्र वहीं होंगे जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी। यह भी सुनिश्चित करें कि परीक्षा केंद्र केवल शहरी क्षेत्रों में हों। परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं एवं दिव्यांगजनों की सुविधाओं को ध्यान में रखा जाए।

परीक्षा केन्द्रों पर प्रबंधक का कोई हस्तक्षेप न हो 

सीएम योगी ने कहा कि यदि सहायता प्राप्त महाविद्यालय को केंद्र बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक को कहीं से भी परीक्षा व्यवस्था में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र व्यवस्थापक के रूप में किसी अन्य संस्था के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जाए। इस प्रणाली में जिला मजिस्ट्रेट और जिला विद्यालय निरीक्षक को भी शामिल करें। यदि कुछ गलत हुआ तो उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। 

शिक्षा सेवा आयोग का गठन 

प्राथमिक, माध्यमिक, तकनीकी, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है। इसके सदस्यों को नामांकित किया गया है। अध्यक्ष की नियुक्ति भी जल्द होगी। उम्मीद है कि नवगठित आयोग समय पर चयन प्रक्रिया शुरू कर देगा। 

पूरी व्यवस्था में सुधार होना चाहिए 

पेपर सेट करने, उसकी छपाई करने, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था करने, ओएमआर को स्कैन करने, उसे भेजने की प्रक्रिया समेत पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है। परीक्षा के बाद OMR आयोग तक पहुंचाने, OMR की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है. अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें. एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दें.   

प्रत्येक पाली में पेपर के दो सेट तैयार करें 

उन्होंने कहा कि प्रत्येक पाली में 2 या अधिक पेपर सेट अवश्य होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्रों की छपाई एक अलग एजेंसी के माध्यम से की जानी चाहिए। पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की जरूरत है। तलाशी के लिए महिला कर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए। 

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