डेथ ग्रेच्युटी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी, एक बार जरूर देखें

डेथ ग्रेच्युटी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी, एक बार जरूर देखें

डेथ ग्रेच्युटी के बारे में जानें -

🔍ऐसे शिक्षक जिन्होंने न्यूनतम 5 वर्ष की सेवा पूरी कर लिया हो। उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। शिक्षक की असामयिक/प्राकृतिक/दुर्घटना से या किसी भी तरह से मौत हो जाती है, तो उनके परिवार को डेथ ग्रेच्युटी के रूप में अंतिम वेतन का लगभग साढ़े सोलह गुना राशि उनके परिवार/आश्रित को देय होते हैं। यानी पूरे साढ़े सोलह महीने के वेतन के बराबर धनराशि। अधिकतम 20 लाख रूपये। यही डेथ ग्रेच्युटी कहलाती है।

Death Gratuity | Sir Ji Ki Paathshala

मान लीजिए कि किसी शिक्षक का अंतिम वेतन 70 हजार रुपए हैं, तो डेथ ग्रेच्युटी के रूप में उसके परिवार को 11 लाख 55 हजार रुपए मिलेंगे। मुसीबत के समय में इतनी बड़ी आर्थिक सहायता कौन देगा?

महत्वपूर्ण प्रश्नों के जवाब देखें-

✍️ प्रश्न :- ग्रेच्युटी का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा?जवाब :– इसके लिए 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का विकल्प देना होगा! 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरने के बाद भी शिक्षा निदेशक(मा.) उ.प्र.लखनऊ द्वारा आदेश पत्रांक-सा०(1)/शि०/3301-95/2005-2006, दिनाकं-23 जून 2005 के अनुसार शिक्षक को सत्र लाभ भी देय होगा।

✍️ प्रश्न :- अगर 62 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प दें, और 57 वर्ष की आयु पर मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा?

जवाब :– बिलकुल नहीं। ग्रेच्युटी का लाभ केवल उन्हीं को दिया जा सकता है, जिन्होंने 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया है।

3.प्रश्न :- क्या बाद में सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 62 वर्ष कर सकते हैं?

जवाब :– अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को शासनादेश संख्या-395/15-8-99/3003(78)/90 दिनाकं-17 फरवरी 1999 के अनुसार सेवानिवृत्ति के एक वर्ष पूर्व तक विकल्प परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान की गयी है।

✍️ प्रश्न :- क्या एनपीएस के दायरे में आने वाले शिक्षकों को भी ग्रेच्युटी की सुविधा मिलती है?

जवाब :– हां बिलकुल। पूर्व में स्पष्टता के अभाव में कई तरह के भ्रम थे। एनपीएस के दायरे में आने वाले शिक्षकों को भी ग्रेच्युटी/डेथ ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।

✍️ प्रश्न :- विकल्प के अभाव में मृत्यु होने पर ग्रेच्युटी भुगतान संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी सेवानिवृत्ति का विकल्प देना जरूरी है?

जवाब :- हां, बिलकुल। क्योंकि आज भी सरकारी फाइलों के मकड़जाल और सरकारी तंत्र की कार्यसंस्कृति के कारण उक्त आदेश के बाद भी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसलिए जरूरी है कि सभी शिक्षक सेवानिवृत्ति का विकल्प भरें। परिवार को न्यायालय का चक्कर काटने और सरकारी तंत्र के भरोसे छोड़ना उचित नहीं।

✍️ प्रश्न :- अगर हमने 60 साल का विकल्प भर दिया, और 59 साल का होने पर अब 62 साल तक नौकरी करने की इच्छा हो जायेगी, तब हम क्या करेंगे?

जवाब :– शासनादेश संख्या-395/15-8-99/3003(78)/90 दिनाकं-17 फरवरी 1999 और शिक्षा निदेशक(मा.) उ.प्र.लखनऊ द्वारा आदेश पत्रांक-सा०(1)/शि०/3301-95/2005-2006, दिनाकं-23 जून 2005 के अनुसार सेवानिवृत्ति के वर्ष तक अपने विकल्प बदल सकते हैं। विकल्प बदलने में कोई वैधानिक समस्या नहीं है।

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