डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी क्या है? बिंदुवार सभी जानकारी (What is Death Cum Retirement Gratuity)

डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी क्या है? बिंदुवार  सभी जानकारी (What is Death Cum Retirement Gratuity) 

सेवा काल में किसी अनहोनी की स्थिति में बेसिक शिक्षक अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु समय रहते डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का विकल्प जरूर भरें। सेवाकाल में मृत राज्य कर्मचारियों के परिजनों को ग्रेच्युटी के लाखों रुपये स्वतः मिलते हैं। यह लाभ इसलिए मिलता हैं क्योंकि कर्मचारी 60 वर्ष में रिटायर होते हैं, जबकि शिक्षक 62 वर्ष में। 

What is Death Cum Retirement Gratuity

यदि शिक्षक भी शासनादेशों के अनुसार 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति का विकल्प ले ले तो उन्हें भी यह लाभ समान रूप से प्राप्त है। अधिक जागरूक होने के कारण इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को यह सुविधा बहुत पहले से प्राप्त है। लिहाजा वे 60 वर्ष में ही सेवानिवृत्ति का विकल्प देकर असामयिक मृत्यु की दशा में डेथ ग्रेच्युटी का लाभ ले लेते हैं । बेसिक शिक्षक जानकारी के अभाव में यह विकल्प नहीं लेते हैं और कभी-कभी 60 वर्ष की उम्र से पहले ही सेवाकाल में मृत्यु हो जाने की दशा में डेथ ग्रेच्युटी से वंचित हो जाते हैं या उनके परिजन कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते हैं। हर साल हर जिले में अनेक बेसिक शिक्षक बीमारी या दुर्घटना से मर रहे हैं। यदि इस विकल्प का फायदा लिया गया होता तो उनके परिवार को ग्रेच्युटी के रूप में अधिकतम ₹20 लाख की मदद मिल जाती।

हम बेसिक शिक्षकों को भी शिक्षा विभाग / वित्त विभाग से डेथ कम रिटायरमेंट ग्रैच्युटी जैसे शिक्षक हितकारी व्यवस्था 1994 से ही प्राप्त है, लेकिन अफसोस जागरूकता और जानकारी के अभाव में हर साल सेवाकाल में मृत होने वाले शिक्षकों के परिजनों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि इसी शासनादेश 1994 के आधार पर इसी बेसिक शिक्षा विभाग के चतुर्थश्रेणी से लेकर बाबू तक आराम से यह लाभ ले रहे हैं।

आइए बिंदूवार जानें डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी के बारे में कुछ खास बातें...

  • शासनादेश संख्या 289/79-6-04-28 (5) 2004 दिनांक 4 फरवरी 2004 को बेसिक शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष कर दी गई, इसलिए अब ग्रेच्युटी का लाभ 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का विकल्प देने पर मिलता है।
  • प्रत्येक वेतन आयोग में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों एवं कार्मिकों को पेंशन / फैमिली पेंशन तथा 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेंट ग्रैच्युटी लाभ देने की प्रक्रिया और ग्रेच्युटी धनराशि में केंद्र सरकार के समकक्ष बढ़ोतरी के लिए शिक्ष अनुभाग 5 से आदेश जारी किए जाते हैं। यह सभी आदेश वित्त विभाग की सहमति के बाद निर्गत किए जाते हैं, जिसका उल्लेख हमेशा शासनादेश के अंतिम पैरा में होता है ।
  • पंचम वेतन आयोग में शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश संख्या 5674 दिनांक 28 नवंबर 1998 के प्रस्तर 5 के अनुसार जनवरी 1996 से सेवानिवृत्ति / डेथ ग्रेच्युटी की यह सीमा 3.5 लाख थी ।
  • छठे वेतन आयोग के शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश 1754 दिनांक 16 सितंबर 2009 द्वारा जनवरी 2006 से बढ़कर 10 लाख हो गई ।
  • सातवें वेतन आयोग में शिक्षा अनुभाग 5 के शासनादेश 1740 / दिनांक 23 अगस्त 2017 द्वारा जनवरी 2016 से यह लाभ 20 लाख कर दिया गया। 1 जनवरी 2024 से केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 25 लाख कर दिया है।

बेसिक शिक्षकों हेतु पेंशन व ग्रेच्युटी लाभ के उक्त विभिन्न शासनादेशों से यह ज्ञात होता है कि ग्रेच्युटी का लाभ दो तरह से मिलता है।

◾सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी (Retirement Gratuity)

यदि कोई शिक्षक जीवन काल में ही ग्रेच्युटी का लाभ लेना चाहता है तो डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का विकल्प लेकर 60 वर्ष में सेवानिवृत्त हो जाए तब इसे सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी कहते हैं। यह अंतिम आहरित वेतन के अनुसार प्रत्येक सेवा वर्ष के | बदले 15 दिन के वेतन के बराबर मिलता है। यदि आपने 30 वर्ष की नौकरी की है तो 1.5 वर्ष का वेतन डीए के साथ मिलेगा।

◾डेथ ग्रेच्युटी (Death Gratuity)

यह 60 वर्ष की उम्र से पहले आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर शिक्षक / कार्मिक के परिजनों को देय होता है। अंतिम वेतन के अनुसार प्रत्येक सेवा वर्ष के बदले एक माह के वेतन के बराबर मिलता है। स्पष्ट है कि डेथ ग्रेच्युटी का लाभ सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी से दोगुना होता है जो वर्तमान में दोनों की अधिकतम सीमा 20 लाख है जो समय समय पर बदलता रहता है। (वर्तमान में केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से इसकी सीमा को बढ़ाकर 25 लाख कर दिया है।) ग्रेच्युटी की धनराशि गणना में रिटायरमेंट मृत्य के समय मिलने वाला D. A. भी सम्मिलित होता है ।

  • शासनादेश 23 दिनांक 5 जुलाई 2016 द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में एनपीएस योजना | धारक शिक्षक / कार्मिकों की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर फैमिली पेंशन व डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा देय है PRAN ALLOT हुआ हो या नहीं, NPS कटा हो या नहीं कोई फर्क नहीं पड़ता ।
  • इस तरह हम देखते हैं कि OPS हो या NPS 60 वर्ष की उम्र से पहले आकस्मिक मृत्यु हो जाने की दशा में शिक्षक/कार्मिक के परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु डेथ ग्रेच्युट व फैमिली पेंशन जैसी वित्तीय सुरक्षा की व्यवस्था हमें शासन ने बहुत पहले से दे रखी है। लेकिन जागरुकता के अभाव में हम लाभ नहीं ले पा रहे हैं तथा असामयिक मृत्यु की दशा में परिवारजन भटकते रहते हैं और मामला कोर्ट तक पहुँच जाता है। 
  • इस संबंध में प्रेमकुमारी Vs. उत्तर प्रदेश सरकार का 1995 का एक केस बहुत महत्वपूर्ण है जिसमे परिजनों को अभी तक विकल्प ना भर पाने पर डेथ ग्रेच्युटी का | लाभ नहीं मिल पाया है ।
  • अतः किसी अनहोनी की स्थिति में इस विवाद से अपने परिजनों को बचाने का सीधा उपाय यही है कि शासन द्वारा निर्धारित फारमेट पर अपने जीवनकाल में ही 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का विकल्प विभाग को दे दिया जाए।
  • यदि आप अभी 60 वर्ष की आयु पर डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का विकल्प ले लेते है, तो डेथ ग्रेच्युटी के रूप में वर्तमान में 20 लाख तक का एक तरह के से निशुल्क बीमा सुरक्षा मिल जाती है। यह लिमिट हर वेतन आयोग में बढ़ जाता है।

यदि सकुशल 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेते हैं तो फिर आपके सामने दो विकल्प होंगे -

  1. पहला 60 वर्ष पर ही सेवानिवृत्त ले ले। ऐसी स्थिति में आप के सेवाकाल के हिसाब से 16 माह तक का वेतन अधिकतम 20 लाख तक एकमुश्त मिल जाएगा। यह रकम हर वेतन आयोग में बढ़ती रहती है।
  2. दूसरा विकल्प भी खुला रहेगा चाहे तो शासनदेश 2491/15-5-2002-212/2001 दिनांक 10 जून 2002 के अनुसार उक्त विकल्प को परिवर्तित कर 62 वर्ष पर सेवानिवृत्त होने का विकल्प ठीक 59 में वर्ष के आरंभ में ही दे सकते हैं।

62 वर्ष तक काम करते रहने पर 24 माह तक प्रति माह वेतन के रूप में मिलेगा, जबकि 60 वर्ष के रिटायरमेंट में सेवानिवृत्ति लेने पर 15 से 16 माह का वेतन ऐडवान्स में मिलेगा जैसा कि कर्मचारी पाते हैं, यह आपको तय करना है कि क्या ठीक रहेगा।

बेसिक शिक्षकों का मात्र 1 लाख का बीमा लाभ भी अधर में है इस तरह अनिश्चय की स्थिति में 60 वर्ष में डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का विकल्प लेकर डेथ ग्रेच्युटी के रूप में 20 लाख तक का बीमा कवच का लाभ लेकर किसी अनहोनी की स्थिति में परिवार की आर्थिक सुरक्षा करने में ही बुद्धिमानी है ।

अब जो शिक्षक बिना विकल्प लिए सेवाकाल में ही 60 वर्ष से पहले मृत हो चुके हैं, उनके परिजन कोर्ट जा रहे हैं, विवाद खड़ा हो रहा है। अधिकारी शासनादेश की गलत व्याख्या कर मृतक के परिजनों को ग्रेच्युटी के लाभ से वंचित कर रहे हैं । ग्रेच्युटी का लाभ या तो 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति के विकल्प पर मिलना था, अथवा 60 वर्ष से पहले मृत्यु पर मिलना था। विभिन्न वेतन आयोगों में इसे डेथ ग्रेच्युटी (Death Gratuity) कहा गया है।

साथियों, इस तरह हम देख सकते हैं कि थोड़ी सी सावधानी से हम अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा दे सकते हैं। शिक्षक साथियों कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताइए कि यह पोस्ट आपको कैसा लगा ?

दोस्तों, ईश्वर हर किसी को स्वस्थ रखें, सुरक्षित रखें। सभी शिक्षकों का परिवार खुशहाल रहे। सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार भी कार्य करती है, और हमारी भी जिम्मेदारी है कि सामाजिक सुरक्षा का लाभ हम परिवार तक पहुंचाएं, उसके लिए यत्न करें।

धन्यवाद !

 Sir Ji Ki Paathshala | सर जी की पाठशाला

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