MDM: बेसिक स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को अब 11 माह का मानदेय मिलने की उम्मीद !

MDM: बेसिक स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को अब  11 माह का मानदेय मिलने की उम्मीद !

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में मिड-डे-मील बनाने वाले रसोइयों को अब 10 महीने के बजाय 11 महीने का मानदेय मिलेगा। मिड डे मील (MDM) प्राधिकरण ने इस संबंध में सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। लोकसभा चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार इस पर फैसला ले सकती है। अभी तक रसोइयों को सिर्फ 10 महीने तक का ही मानदेय मिल पाता है।

MDM: बेसिक स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को अब मिलेगा 11 माह का मानदेय !


राज्य के बेसिक स्कूलों में कुल 3.74 लाख रसोइया कार्यरत हैं।फिलहाल वर्तमान समय में इन्हें 2000 रुपये प्रतिमाह की दर से ही मानदेय मिलता है। केंद्र सरकार की ओर से इनके लिए 1000 रुपये का मानदेय तय है। इसमें से 600 रुपये केंद्र सरकार देती है। शेष 400 रुपये के अलावा राज्य सरकार बढ़े हुए 1000 रुपये समेत 1400 रुपये खर्च करती है। केंद्रांश समय पर जारी नहीं होने के कारण रसोइयों को कभी भी समय पर मानदेय नहीं मिल पाता है। कई बार तो छह माह बाद मानदेय मिलता है। वहीं, स्कूलों में शिक्षकों को पूरे 12 महीने का वेतन मिलता है। शिक्षामित्रों को 11 माह का मानदेय मिलता है लेकिन रसोइयों को 10 माह का ही मानदेय दिया जाता है। रसोइयां लंबे समय से मांग कर रही हैं कि उन्हें कम से कम 11 महीने का मानदेय दिया जाए। उम्मीद है इस पर जल्द ही सकारात्मक परिणाम आएंगे।



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