बेसिक शिक्षा में त्रिशंकु बने ARP, विभाग के निर्णय न लें पाने से तीन महीने से बिना किसी आदेश या विस्तार के कर रहे काम
बेसिक शिक्षा में त्रिशंकु बने ARP, विभाग के निर्णय न लें पाने से तीन महीने से बिना किसी आदेश या विस्तार के कर रहे काम
- तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर 31 मार्च 2024 तक विस्तारित किया गया था कार्यकाल, तीन महीने से बिना किसी आदेश या विस्तार के कर रहे काम
प्रयागराज । परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन बेहतर करने और सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से रखे गए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (ARP) कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद शिक्षकों पर रौब गांठ रहे हैं। प्रदेश के 821 विकासखंडों में एआरपी के 4105 और 59 नगर संसाधन केंद्र में 295 पद हैं। वर्तमान में सभी 75 जिलों में तीन हजार से अधिक एआरपी कार्यरत हैं। अक्तूबर 2019 में एआरपी के चयन का शासनादेश जारी हुआ था, जिसमें अधिकतम तीन साल के लिए चयन का प्रावधान था।
इनका चयन परिषदीय स्कूलों में कार्यरत नियमित शिक्षकों में से होता है। तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर 17 जनवरी 2023 को विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए प्रदेशभर के एआरपी का कार्यकाल 31 मार्च 2024 तक विस्तारित किया गया था। हालांकि 31 मार्च बीतने के तीन महीने बाद भी इनके कार्यकाल बढ़ाने का कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है। इस बीच इन्हीं एआरपी से ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू करवाने से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों की निगरानी कराई जा रही है।
एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (ARP) की जिम्मेदारी -:
मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के संचालन एवं आउटरीच बढ़ाने में सहयोग, तीन मॉड्यूल (आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह) पर आधारित शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं निरंतर फॉलोअप, विद्यालयों में प्रेरणा तालिका, प्रेरणा सूची, प्रिंटरिच वातावरण विकसित करने में पूर्व तैयारी के लिए शिक्षकों को सहयोग, स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण कर शिक्षकों को शिक्षण योजना, अग्रिम कार्ययोजना में सहयोग, दीक्षा एप को डाउनलोड करने एवं कोर्स पूरा करने के लिए प्रेरित करनाआदि काम है।