हमारी सरकार ने आठ लाख NPS पेंशन खाते खोलेः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

हमारी सरकार ने आठ लाख NPS पेंशन खाते खोलेः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

अमर उजाला ब्यूरो लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद करीब 8 लाख कर्मचारियों के न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के खाते खोले गए हैं। 2005 में जब एनपीएस लागू हुई तब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा सरकार थी। 2007 से 2012 तक बसपा और फिर 2012 से 2017 तक सपा सत्ता में थी, मगर ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक भी कर्मचारी का पेंशन खाता नहीं खोला गया। शून्यकाल में विधान परिषद सदस्य ध्रुव त्रिपाठी ने एनपीएस का पैसा निजी बैंकों में जमा करने का मामला उठाते हुए पूछा कि इस संबंध में गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट कहां है। चर्चा में भाग लेते हुए सीएम ने कहा कि वर्ष 2018 में जब यह बात हमारे संज्ञान में आई, तब हमने तत्कालीन सचिव वित्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई।

सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि एनपीएस खातों के मामले में सीएम का बयान सच्चाई से परे है। उनकी इस बात का सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि एनपीएस को वर्ष 2004 में भाजपा की तत्कालीन अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने देश में लागू किया था। वर्ष 2015-16 में अखिलेश सरकार ने भी एनपीएस खाते खुलवाए थे। इस मामले में सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।

सीएम ने ली चुटकी... आप हमेशा बने रहें नेता विरोधी दल मुख्यमंत्री ने लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनने पर बधाई दी। साथ ही चुटकी ली, आशा करता हूं कि आप हमेशा नेता विरोधी दल बने रहें । ये लगभग आठ लाख कर्मचारियों से संबंधित मुद्दा था। तब ये बात सामने आई थी कि कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के समय के वेतन की 50 प्रतिशत राशि देने के लिए जरूरी है कि सरकार अपना अंश बढ़ाए। आकलन में पता लगा कि अगर सरकार और कर्मचारी किसी स्कीम से अपना पैसा जोड़ता है तो रिटायरमेंट के बाद करीब 60 प्रतिशत तक राशि पेंशन के रूप में उसे मिल सकती है। इसके बाद हमने पेंशन स्कीम में सरकार के शेयर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया। हमने सभी कर्मचारियों के एनपीएस अकाउंट खोले। वर्ष 2005 से 2017 तक का पैसा भी कर्मचारियों के खाते में डालने का कार्य किया।

उन्होंने कहा, एनपीएस की राशि को को प्राइवेट बैंकों में जमा करने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और इसमें कार्रवाई भी की गई है। धनराशि को वापस लाने का कार्य किया गया है। सरकार की प्राथमिकता होती है कि सरकारी स्कीम का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक में ही लगे।

सदस्यों ने वेतन व भत्ते बढ़ाने की सीएम से की मांग

नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने सीएम त्वरित विकास योजना के तहत विधान सदस्यों की तरह ही विधान परिषद सदस्यों को भी पांच-पांच करोड़ रुपये दिए जाने की मांग की। सदस्यों के वेतन, पेंशन और भत्तों में वृद्धि की मांग की। पक्ष-विपक्ष ने एक स्वर से इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष का समर्थन किया। सपा के मुकुल यादव ने कैशलेस इलाज की सुविधा की मांग की। सभापति ने त्वरित विकास योजना के मामले में कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में सदस्यों को उनकी निधि से संबंधित जिलों से पत्र आएगा। सीएम योगी ने कहा कि इस संबंध में पीठ से जो भी निर्देश मिलेंगे, सरकार उनका पालन करेगी।




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