बेसिक शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ, बेसिक विभाग नही देगा प्रभारी हेडमास्टर को प्रधानाध्यापक के समान वेतन

बेसिक शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ, बेसिक विभाग नही देगा प्रभारी हेडमास्टर को  प्रधानाध्यापक के समान वेतन

हाईकोर्ट ने प्रभारी प्रधानाध्यापक को नियमित प्रधानाध्यापक के वेतन का हकदार माना है।

● प्रभारी प्रधानाध्यापक के पक्ष में आ चुका है सिंगल बेंच का फैसला, विभाग ने डबल बेंच में की अपील।

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत प्रभारी प्रधानाध्यापकों को बेसिक शिक्षा विभाग नियमित प्रधानाध्यापक के बराबर वेतन देने को कतई तैयार नहीं है। पिछले कुछ महीनों में विभिन्न याचिकाओं में हाईकोर्ट ने प्रभारी प्रधानाध्यापकों को भी नियमित प्रधानाध्यापक के समान वेतन देने के आदेश दिए हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने सिंगल बेंच के आदेश का अनुपालन करने की बजाय डबल बेंच में इसके खिलाफ अपील कर दी है। अफसरों का तर्क है कि नियमावली में प्रभारी प्रधानाध्यापकों को स्थायी प्रधानाध्यापक के समान वेतन देने की कोई व्यवस्था नहीं है। यह नितांत अस्थायी व्यवस्था है।

वहीं दूसरी ओर परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में भारी संख्या में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त होने के बावजूद 10-12 साल से बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पदोन्नति नहीं की जा रही है। प्रयागराज में ही 9 फरवरी 2009 के बाद नियुक्त शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हुआ है। वर्षों से सहायक अध्यापक ही प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं और पदोन्नति की आस लगाए बैठे हैं। पदोन्नति न होने से नाराज प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने ही याचिकाएं की थीं।

75 फीसदी उच्च प्राथमिक स्कूलों में नियमित प्रधानाध्यापक नहीं

परिषदीय स्कूलों में नियमित प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति पर छः साल में निर्णय नहीं हो सका है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार हर साल प्रधानाध्यापकों की तैनाती का प्रस्ताव रखती है, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा। एक चौथाई उच्च प्राथमिक स्कूलों में नियमित प्रधानाध्यापक नहीं हैं। प्रमोशन न होने से शिक्षकों को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, शिक्षकों की नई भर्ती में भी अड़चन आ रही है। 2019-20, 2020-21, 2021-22 व 2022-23 सत्र की PAB बैठकों में अफसरों ने प्रधानाध्यापकों के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति पर विचार करने की भी बात कही थी।

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