69000 शिक्षक भर्ती में 31 हजार से ज्यादा ओबीसी अभ्यर्थी हुए थे चयनित, जबकि OBC के लिए पदों की संख्या थी केवल 18 हजार

69000 शिक्षक भर्ती में 31 हजार से ज्यादा ओबीसी अभ्यर्थी हुए थे चयनित, जबकि OBC के लिए पदों की संख्या थी केवल 18 हजार !

लखनऊ. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के हालिया आदेश के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षित वर्ग की हिस्सेदारी को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।

इस बीच सरकार ने आंकड़ों के हवाले से कहा है कि पिछले साढ़े सात साल में हुई सरकारी भर्तियों में न सिर्फ आरक्षण नियमों का पालन किया गया है, बल्कि ज्यादातर भर्तियों में आरक्षित वर्ग के युवाओं का उनकी प्रतिभा के आधार पर चयन भी किया गया है।

सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग की हिस्सेदारी भी बड़ी है। पिछली सरकार में सरकारी नौकरियों में आरक्षण में भारी अनियमितताएं हुई थीं। सरकार का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के 18000 से ज्यादा पद भरे जाने थे। इसकी तुलना में इस श्रेणी के 31000 से अधिक उम्मीदवारों का चयन किया गया था। इसमें 18598 ओबीसी अभ्यर्थियों को ओबीसी कोटे में और 12630 ओबीसी अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी में चयनित किया गया है। 14000 से अधिक पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किये गये। इनमें नियमानुसार एससी वर्ग के युवाओं का चयन किया गया है।

योग्यता के आधार पर अनारक्षित वर्ग में 1600 से अधिक अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों का भी चयन किया गया। अनुसूचित जनजाति के शेष 1100 से अधिक रिक्त पदों को अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से भरा गया है। इस तरह 17000 से ज्यादा एससी अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है। भर्ती में 34 हजार से ज्यादा पदों में  सामान्य वर्ग के 20301, अन्य पिछड़ा वर्ग के 12630, अनुसूचित जाति के 1637, अनुसूचित जनजाति के 21 अभ्यर्थियों का चयन अनारक्षित वर्ग में किया गया है।

पिछली सरकार में आयोग की भर्तियों पर सवाल उठे थे।

सरकार के मुताबिक पिछली सरकार की भर्ती प्रक्रिया में न केवल ओबीसी वर्ग के अधिकार प्रभावित हुए थे, बल्कि एससी और एसटी वर्ग के अधिकार भी प्रभावित हुए थे.। वर्ष 2015-2016 में लोक सेवा आयोग की भर्ती में एक ही जाति के 86 एसडीएम में से 56 का चयन हुआ। पिछली सरकार के कार्यकाल (2012 से 2017) के दौरान लोक सेवा आयोग के माध्यम से 26394 पदों पर नियुक्तियाँ की गईं। इसमें 13469 पदों पर सामान्य वर्ग, 6966 पदों पर ओबीसी, 5634 पदों पर एससी और 327 पदों पर एसटी वर्ग के युवाओं का चयन किया गया। इसमें ओबीसी सिर्फ 26.38 फीसदी थे। वहीं, बीजेपी सरकार में लोक सेवा चयन आयोग के माध्यम से 46675 भर्तियां की गईं. इसमें कुल 17929 ओबीसी अभ्यर्थियों का चयन हुआ, जिनका प्रतिशत 38.41 है. अगर इसमें एससी और एसटी का प्रतिशत जोड़ दिया जाए तो 60 फीसदी से ज्यादा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लोक सेवा चयन आयोग से चयनित हो चुके हैं।

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