UPS को कैबिनेट में मंजूरी देने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बना

UPS को कैबिनेट में मंजूरी देने वाला महाराष्ट्र देश का  पहला राज्य बना

गौरतलब है कि शनिवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम घोषणाएं की गईं। इनमें सबसे बड़ा फैसला यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर था। सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई इस योजना में कई बड़ी घोषणाएं हैं। यूपीएस की सबसे बड़ी खास बात यह है कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की तरह रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन का 50 फीसदी मिलेगा। हालाँकि, इसके लिए कई मानक और नियम भी तय किये गये हैं। 

केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी मिलने के 24 घंटे के अंदर ही महाराष्ट्र सरकार ने भी मंत्रीमंडल की बैठक में इस स्कीम को मंजूरी दे दी है। शिंदे सरकार के इस फैसले के साथ ही अब राज्य में न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह यूपीएस लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।

एक अधिकारी ने यहां बताया कि महाराष्ट्र कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, यूपीएस इस साल मार्च से प्रभावी होगा और इसका लाभ राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को मिलेगा। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर में खत्म हो रहा है और अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।

यह योजना योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस योजना की प्रमुख बातें

1. 📁 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन

यूपीएस अपनाने पर आपको निश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी राशि सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी।

यह राशि 25 वर्ष तक की सेवा पर ही मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 वर्ष से अधिक की सेवा के अनुपात में पेंशन दी जाएगी।

2. 📁 पारिवारिक पेंशन 

किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले परिवार को कुल पेंशन राशि का 60 प्रतिशत मिलेगा।

3. 📁 न्यूनतम पेंशन

कम से कम 10 साल की सेवा के बाद न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन सुनिश्चित की जाएगी। महंगाई भत्ते को मिलाकर आज की रकम करीब 15,000 रुपये होगी.

4. 📁 मुद्रास्फीति दर के साथ अनुक्रमण

उपरोक्त तीन प्रकार की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामले में, महंगाई राहत यानी डीआर के आधार पर मुद्रास्फीति सूचकांक उपलब्ध होगा।

5. 📁 सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान

छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) का 10 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान होगा। इसका मतलब है कि अगर किसी ने 30 साल की सेवा की है, तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (पारिश्रमिक) मिलेगा। 

अगर सभी राज्य इसे लागू करेंगे तो 90 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। 

23 लाख कर्मचारियों को फायदा, NPS और UPS का विकल्प

इससे 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा। अगर कोई एनपीएस में रहना चाहता है तो वह इसमें रह सकता है। यदि यूपीएस अपनाना चाहता है तो इसका विकल्प चुन सकता है। राज्य सरकारें भी इस संरचना का चयन कर सकती हैं। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इससे जुड़ते हैं तो 90 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा।

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