समायोजन में अनुचित लाभ लेने के लिए छात्र संख्या में गड़बड़ी का अंदेशा, मामला सही पाए जाने पर होगी कार्यवाई

समायोजन में अनुचित लाभ लेने के लिए छात्र संख्या में गड़बड़ी का अंदेशा, मामला सही पाए जाने पर होगी कार्यवाई 

लखनऊ, प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में चल रही समायोजन प्रक्रिया को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों का खेल सामने आया है। जानकारी के मुताबिक 3200 से अधिक स्कूलों में छात्रों की संख्या में एक या दो की बढ़ोतरी दिखायी गयी है। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध होने पर बेसिक शिक्षा निदेशालय ने जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई करने को भी कहा।

समायोजन

विभाग में चल रही समायोजन प्रक्रिया में छात्र संख्या को आधार बनाया गया है। 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की आवश्यकता है। वहीं इससे एक भी छात्र अधिक होने पर दो शिक्षकों की जरूरत होगी। ऐसे में ट्रांसफर से बचने के लिए कई स्कूलों में छात्रों की संख्या 61, 91, 121 और 151 दिखाई गई है30 जून तक राज्य स्तर पर नामांकन डेटा के विश्लेषण से पता चला कि कुछ शिक्षकों को अनुचित लाभ देने के लिए ऐसा किया गया था।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस संबंध में सभी बीएसए और बीईओ को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलों के ऐसे स्कूलों के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया इसमें संदेह है. हमारे संज्ञान में आए ऐसे मामलों की पुष्टि कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह बहुत ही गंभीर मामला है।

महानिदेशक ने कहा है कि ऐसे विद्यालयों की सूची की जांच बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वयं करें। यदि आवश्यक हो तो डाटा संशोधन हेतु पत्र भी भेजें। उन्होंने कहा है कि डाटा संशोधन के लिए पूर्व में निर्धारित अंतिम तिथि के बाद बीएसए द्वारा भेजे गए किसी भी अनुरोध पर तब तक विचार नहीं किया जाएगा, जब तक बीएसए उपरोक्त प्रारूप में सूचना नहीं भेज देते।


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